रामा प्रकरण में मरीज के विरुद्ध अभद्रता करने व पुलिस अधिकारियों के तबादले के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं ने किया कलेक्ट्रेट पर धरना प्रदर्शन, राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा

हापुड़। रामा प्रकरण में मरीज मरीज के साथ अभद्रता करने व पुलिस अधिकारियों को हटाए जाने के विरोध में समाजवादी पार्टी के कार्यकत्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर पहुंच जमकर हंगामा व नारेबाजी की तथा राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा।

सपा जिलाध्यक्ष आनंद गुर्जर ने कहा कि चांदपुर जिला बिजनौर निवासी गरीब महिला जुबैदा को ऑपरेशन के लिये रामा मैडिकल कॉलिज छिजारसी पिलखुआ जनपद हापुड में भर्ती कराया गया था। जुबैदा का ऑप्ररेशन होने के पश्चात् ऑप्ररेशन से खून आना बन्द नहीं हो पा रहा था। जिस कारण जुबैदा का पुत्र जावेद अपनी मां को ईलाज के लिये कहीं अच्छे अस्पताल में ले जाना बाह रहा था। जिसके सम्बन्ध में जावेद ने मैडिकल कॉलिज के स्टाफ से केस समरी मांगी तथा डिस्चार्ज करने को कहा लेकिन मैडिकल कॉलिज का स्टाफ न तो सही ईलाज कर रहा था और न ही समरी रिपोर्ट देकर रेफर कर रहा था। जिससे परेशान होकर जावेद ने डायल 112 पर कॉल कर पुलिस से मदद की गुहार लगाई। मदद के लिये पहुंची पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के विषय में डाक्टरों व स्टाफ से जानकारी करनी चाही तो पुलिस के कार्य में बाधा उत्पन्न की गई तथा पीड़ित व पुलिस के साथ अश्वद व्यवहार किया। पुलिस कर्मचारी द्वारा उक्त घटना की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गयी। उच्च अधिकारी मौके पर पंहुंचे तो उन पर भाजपा सरकार ने दबाव डालकर बिना कार्यवाही करे वापस लौटा दिया गया। योगी सरकार ने पुंजीपतियों का साथ देते हुये पुलिस द्वारा जनहित के कार्य, पीड़ित की मदद करने व न्याय दिलाने तथा उसके साथ हुयी धौर लापरवाही के खिलाफ कार्यवाही करने में सरकार ने अपनी तानाहशाही सौध को बरकरार रखते हुये संविधान के साथ खिलवाड़ करने एवं संविधान द्वारा प्रदत्व अधिकारों में व्यवधान डालने का काम किया है।

उन्होंने कहा कि शासन ने अधिकारियों को बिना जांच किए लखनऊ पुलिस मुख्यालय में प्रतिक्षारत कर दिया। इससे जिले में पुलिस प्रशासन का मनोबल गिरा है और मेडिकल माफियाओं का मनोबल बढ़ा है। भाजपा की योगी सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, मंहगाई व बेरोजगारी जैसे गम्भीर मुद्दो पर नियन्त्रण कर जनता को राहत देने में विफल हो चुकी है। श

उन्होंने कहा कि रामा मैडिकल कॉलिज प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाये तथा दोषियों के विरुद्ध कठौर से कठौर कार्यवाही की जावे तथा पीड़िता जुबैदा का अच्छे अस्पताल में उचित ईलाज सरकार के खर्च से कराया जावे। पीड़िता के ऑपरेशन में हुयी धौर लापरवाही की जाच कर सम्बन्धित डाक्टर व स्टाफ के विरुद्ध कार्यवाही की जाये तथा पीड़िता को पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए।

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