रंग ला रहा बाल-मातृ पोषण अभियान ,सैम-मैम श्रेणी से बाहर आए 167 बच्चे



हापुड़,। जनपद में चल रहे बाल-मातृ पोषण अभियान ने रंग लाना शुरू कर दिया है। जून माह में छह वर्ष तक के 88079 बच्चों की स्क्रीनिंग के दौरान कुल 530 बच्चे सैम (अति कुपोषित) और मैम (कुपोषित) श्रेणी वाले मिले थे। जनपद के सभी चार ब्लॉक में मिले इन बच्चों में 162 बच्चे सैम और 368 बच्चे मैम श्रेणी के थे। यह नतीजे आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों का वजन और ग्रोथ की जांच करने पर सामने आए थे। लगातार काउंसलिंग और बेहतर पोषण के बाद जनपद में सैम-मैम श्रेणी के बच्चों की संख्या घटकर 363 हो गई है। 111 बच्चे सैम और 252 बच्चे मैम श्रेणी में हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) ज्ञानप्रकाश तिवारी ने बताया-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सुपरवाइजरों ने इन बच्चों के माता-पिता की काउंसलिंग के साथ उन्हें पुष्टाहार उपलब्ध कराया। इसके साथ ही चिकित्सकीय सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। जुलाई माह की समीक्षा के बाद स्थिति यह है कि 167 बच्चे सैम और मैम श्रेणी से बाहर आ गए हैं। वर्तमान में जनपद में केवल 192 बच्चे ही सैम-मैम श्रेणी में रह गए हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लगातार इन बच्चों के घरों का भ्रमण कर बेहतर पोषण की सलाह दे रही हैं।
डीपीओ ने बताया जून माह के दौरान हुई स्क्रीनिंग में सैम श्रेणी के हापुड़ ब्लॉक में 74, धौलाना ब्लॉक में 28, सिंभावली ब्लॉक में 32 और गढ़मुक्तेश्वर ब्लॉक में 28 बच्चे मिले थे। इसी प्रकार मैम श्रेणी के हापुड़ ब्लॉक में 175, धौलाना ब्लॉक में 102, सिंभावली ब्लॉक में 48 और गढ़मुक्तेश्वर ब्लॉक में 43 बच्चे मिले थे। लगातार पुष्टाहार वितरण और माता-पिता की काउंसलिंग का परिणाम यह हुआ कि जून माह के अंत में सैम श्रेणी के 15 और मैम श्रेणी के 35 बच्चे सुपोषित हो गए। इसके बाद भी समेकित बाल विकास योजना के तहत प्रयास जारी रहे और धीरे-धीरे इसके सुखद परिणाम भी सामने आ रहे हैं। जुलाई माह की समीक्षा में सामने आया कि सैम श्रेणी के हापुड़ ब्लॉक में कुल 43, धौलाना में 20, सिंभावली में 28 और गढ़मुक्तेश्वर में कुल 20 बच्चे रहे गए हैं, बाकी सुपोषित श्रेणी में आ गए हैं। इसी प्रकार मैम श्रेणी के हापुड़ ब्लॉक में कुल 123, धौलाना में 72, सिंभावली में 30 और गढ़ मुक्तेश्वर ब्लॉक 27 बच्चे रह गए हैं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो सैम-मैम बच्चों की संख्या घटकर 363 हो गई यानि 167 बच्चे सुपोषित श्रेणी में आ गए हैं। हालांकि लगातार चल रही स्क्रीनिंग के बाद वर्तमान में सैम-मैम श्रेणी वाले बच्चों की संख्या 192 हो गई है। डीपीओ ने बताया 20-25 सितंबर के बीच एक बार फिर वजन सप्ताह का आयोजन कर बच्चों की सेहत में प्रगति की समीक्षा की जाएगी।
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