ब्राह्मण समाज के लोगों ने की भगवान परशुराम की पूजा अर्चना,भगवान परशुराम आज भी इस धरती पर मौजूद हैं -पं. अशोक शर्मा

हापुड़।
हापुड़ में अक्षय तृतीया और भगवान परशुराम जयंती पर दिल्ली रोड स्थित मंदिर में ब्राह्मण समाज के लोगों ने भगवान परशुराम की पूजा अर्चना की। पंडित अशोक शर्मा ने कहा कि आज अक्षय तृतीया का पर्व है और इस तिथि पर भगवान विष्णु के सभी दस अवतार में 6वें अवतार माने गए। भगवान परशुराम की जंयती भी मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

भगवान परशुराम महर्षि जमदग्नि और रेणुका की संतान हैं। हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान परशुराम का प्राकट्य काल प्रदोष काल में हुआ था और ये 8 चिरंजीवी पुरुषों में एक हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान परशुराम आज भी इस धरती पर मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया पर किया गया दान-पुण्य कभी क्षय नहीं होता। अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही भगवान परशुराम की शक्ति भी अक्षय थी 8 चिरंजीवियों में भगवान परशुराम समेत महर्षि वेदव्यास, अश्वत्थामा, राजा बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और ऋषि मार्कंडेय हैं। जो आज भी इस कलयुग में विचरण कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि परशुराम जयंती और अक्षय तृतीया पर किया गया दान-पुण्य कभी क्षय नहीं होता। अक्षय तृतीया के दिन जन्म लेने के कारण ही भगवान परशुराम की शक्ति भी अक्षय थी 8 चिरंजीवियों में भगवान परशुराम समेत महर्षि वेदव्यास, अश्वत्थामा, राजा बलि, हनुमान, विभीषण, कृपाचार्य और ऋषि मार्कंडेय हैं। जो आज भी इस कलयुग में विचरण कर रहे हैं। शास्त्रों में अष्टचिरंजीवियों का वर्णन कुछ इस तरह से मिलता है।

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