हापुड़।
हापुड़ में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट की कोर्ट ने नाबालिग भतीजी के साथ रेप मामले की सुनवाई की। जिसमें आरोपी चाचा को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर 11 हजार का जुर्माना भी लगाया।
विशेष लोक अभियोजक हरेद्र त्यागी ने बताया कि सिंभावली थाना क्षेत्र निवासी एक नाबालिग ने थाने में तहरीर दी। जिसमें उसने कहा कि उनकी आयु 14 वर्ष है। उसके पिता की करीब पांच वर्ष व माता की तीन वर्ष पहले मौत हो चुकी है। जिसके बाद से वह और उसका भाई अपने चाचा गप्पू के पास रहते हैं। चाचा उस पर गलत नजर रखते हैं। 6 जून 2020 की रात वह एक कमरे में सोई हुई थी। तभी मेरे चाचा गप्पू समय करीब एक बजे कमरे में आए। जिसके बाद उन्होंने मुझे डरा-धमकाकर मेरे साथ दुष्कर्म किया। मेरे शोर मचाने पर मेरा भाई भी जाग गया। घटना के बाद वह बहुत डर गई थी। जिसके बाद उसने सुबह अपनी बुआ को फोन पर घटना के बारे में बताया। साथ ही परिवार की दादी को भी घटना के बारे में बताया।
पुलिस ने आरोपी गप्पू के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया और मामले के आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट चल रही थी। न्यायाधीश श्वेता दीक्षित ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले निर्णय सुनाया। जिसमें न्यायाधीश श्वेता दीक्षित ने आरोपी गप्पू को दुष्कर्म का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर 11 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया।