देवनंदनी अस्पताल में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर,रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है – डॉ.श्याम कुमार

हापुड़ (यर्थाथ अग्रवाल मुन्ना)।

रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।

इसी कड़ी में आज बहादुर सिंह मेमोरियल देव नन्दिनी अस्पताल, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़) में रक्त-दान कैम्प का आयोजन किया गया ।

रक्तदान कैम्प का उद्घाटन संयुक्त रूप से भूतपूर्व नगरपालिका चेयरमैन सोना सिंह एवं खाजन सिंह मूढे वाले के कर-कमलो द्वारा किया गया | गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत देव नन्दनी हॉस्पिटल, हापुड़ के चेयरमैन श्याम कुमार द्वारा किया गया ।रक्त-दान किसी का मूल्यवान जीवन बचाने हेतु अत्यंत आवश्यक है |

गढ़मुक्तेश्वर एवं आस-पास के क्षेत्रो से रक्त-दाताओं में रक्त-दान की होड़ लगी रही और सभी ने रक्त-दान शिविर में बढ़-चढ़ कर हिसा लिया |

देव नंदिनी हॉस्पिटल के चेयरमैन डा० श्याम कुमार तथा वरिष्ठ पैथोलोजिस्ट डा० शिव कुमार द्वारा रक्त-दानदाताओं का ह्रदय से धन्यवाद किया गया | उनके द्वारा आमजन से अपील के गई कि अनायास दुर्घटना या बीमारी का शिकार हममें से कोई भी हो सकता है। आज हम सभी शिक्षि‍त व सभ्य समाज के नागरिक है, जो केवल अपनी नहीं बल्कि दूसरों की भलाई के लिए भी सोचते हैं तो क्यों नहीं हम रक्तदान के पुनीत कार्य में अपना सहयोग प्रदान करें और लोगों को जीवनदान दें।

रक्त दान कोई भी कर सकता है। यह बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया है जो कि आसान भी है। रक्तीदान करने से शरीर में रक्त‍ की कमी भी नहीं होती है। 16 साल से अधिक और 50 किग्रा से अधिक वजन का व्य क्ति रक्‍तदान कर सकता है।

यह दूसरों की जान तो बचाता है साथ ही आपके स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए नई रक्त कोशिकाओं की बहुत बड़ी भूमिका होती है। नियमित रूप से रक्तदान करने के बाद आपके शरीर में जो नया खून बनता है वह स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है । इसलिए नियमित रूप से रक्तदान करना चाहिए। तो क्यों न हम नियमित रूप से रक्तदान करें और दूसरों के साथ-साथ अपनी सेहत को भी बेहतर बनायें। रक्तदान कैम्प में डा० विनीत, डा० सरेश, डा० विवेचना शर्मा, श्रीमती कुसुम सिरोही, कुमारी बाला सर्वश्री अतुल गौतम, अवधेश, मोहित, एस० जी० शर्मा एवं दुष्यंत त्यागी आदि मौजूद थे।

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