हापुड़।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / त्वरित न्यायालय प्रथम ने दहेज की मांग पूरा न होने पर विवाहिता की हत्या करने वाले पति, सास व ससुर को 10-10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर 25-25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता मुकेश कुमार त्यागी ने बताया कि अशरफ उर्फ बब्बू निवासी पड़ोकियान, लालकुआं नगर कोतवाली बुलंदशहर ने बहादुरगढ़ कोतवाली में तहरीर दी। जिसमें उसने कहा कि उसने अपनी बहन सन्नो की शादी 19 अक्तूबर 2011 को गांव शेरपुर थाना बहादुरगढ़ निवासी जाहिद पुत्र मोबीन के साथ की थी। शादी के बाद से ही पति जाहिद, ससुर मोबीन, सास तसलीमा, देवर आमिर व नंद गुडिय़ा उनकी बहन से और दहेज लाने की मांग कर रहे थे। जिसमें सुसराल पक्ष के लोग उनकी बहन से कार लाने की मांग कर रहे थे। जिसके पूरा न होने पर सुसराल पक्ष के लोग उसकी बहन के साथ आए दिन मारपीट भी करते थे। 28 जनवरी 2018 को ससुराल पक्ष से फोन आया कि आपकी बहन की तबीयत बहुत खराब है। सूचना मिलने पर वह अपने भाई शाहिद व अन्य रिश्तेदारों के साथ अपनी
बहन की सुसराल पहुंचे। जहां पर उन्होंने अपनी बहन सन्नो को मृत पाया।
पुलिस ने दहेज हत्या सहित विभिन्न धाराओं में पति जाहिद, ससुर मोबीन, सास तसलीमा, देवर आमिर व नंद गुडिय़ा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। पुलिस ने जांच करने पर आमिर व गुडिया को मामले से अलग पाते हुए उनके नाम रिपोर्ट से बाहर निकाल दिए। पुलिस ने मामले के आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किए। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / त्वरित न्यायालय प्रथम में चल रही थी। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश राखी चौहान ने मामले में निर्णय सुनाया। अर्थदंड न देने पर पांच माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।