हापुड़ (अमित अग्रवाल मुन्ना)।
पर्व राज दशलक्षण पर्व के शुभ अवसर पर श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर कसेरठ बाजार स्थित हापुड़ में भव्य आयोजन सांगानेर से पधारे गौरव जैन शास्त्री जी के सानिध्य में मवाना से आया ग्रुप के द्वारा संगीत की मधुर ध्वनि के साथ संपन्न कराया गया ।
प्रातः काल से ही मंदिर जी में अभिषेक, शांति धारा ,पूजा,अर्चना की गई विधान का आयोजन श्री विशाल जैन नरेंद्र संदीप जैन के द्वारा कराया गया जिसमें काफी श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस दशलक्षण पर्व पर गौरव जैन शास्त्री जी ने बताया कि उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म भाद्रमाह के सुद चौदस को दिगंबर जैन समाज के पवाॅधिराज पर्यूषण दसलक्षण पर्व का दसवाँ दिन होता है इस दिन को अनंत चतुर्दशी कहते है ईस दिन को लोग परमात्मा के समक्ष अखंड दिया लगाते है
(क) ब्रह्मचर्य हमें सिखाता है कि उन परिग्रहो का त्याग करना जो हमारे भौतिक संपर्क से जुडी हुई है
जैसे जमीन पर सोना न कि गद्दे तकियों पर, जरुरत से ज्यादा किसी वस्तु का उपयोग न करना, व्यय, मोह, वासना ना रखते सादगी से जीवन व्यतित करना ॥ कोई भी संत ईसका पालन करते है और विशेषकर जैनसंत शरीर, जुबान और दिमाग से सबसे ज्यादा इसका ही पालन करते हैं ॥
(ख) ‘ब्रह्म’ जिसका मतलब आत्मा, और ‘चर्या’ का मतलब रखना, ईसको मिलाकर ब्रह्मचर्य शब्द बना है, ब्रह्मचर्य का मतलब अपनी आत्मा मे रहना है ॥
ब्रह्मचर्य का पालन करने से आपको पूरे ब्रह्मांड का ज्ञान और शक्ति प्राप्त होगी और ऐसा न करने पर आप सिर्फ अपनी इच्छाओं और कामनाओ के गुलाम हि हैं ॥
शाम को 7:00 बजे मंदिर जी में महा आरती की गई तत्पश्चात शास्त्री जी के प्रवचन हुए ।
शाम के समय मंदिर जी में एक लघु नाटिका अनुभूति से पारसनाथ तक की यात्रा को प्रस्तुत किया गया जिसमें खुशी, सांची, ऋषभ ,मिनी, ख्याति, पीहू, अदिति ,निकुल ,शौर्य ,सिद्ध आदि का सहयोग रहा ।
जैन समाज के प्रधान अनिल जैन ने बताया कि 10 सितंबर को जैन समाज का वार्षिकोत्सव मनाया जाएगा जिसमें सुबह 10 बजे मंदिर जी से रथयात्रा एवम शाम को गढ़ रोड स्थित मनोहर हेरिटेज में विराट कवि सम्मेलन होगा ।
इस अवसर पर जैन समाज के प्रधान अनिल जैन, सुरेशचंद जैन, नितिन जैन, संजीव जैन, सुशील जैन, भुवन, अंकुर, सचिन, अमित, अशोक जैन, आकाश जैन, विकास जैन, तुषार जैन, संदीप जैन, मोनू जैन, नमन, अंकित, सुधीर जैन, रेखा जैन प्रभा जैन, विनोदबाला आदि लोग उपस्थित थे