हापुड़ (अमित अग्रवाल मुन्ना)।
पर्व राज दशलक्षण पर्व के शुभ अवसर पर श्री 1008 आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर कसेरठ बाजार स्थित हापुड़ में भव्य आयोजन सांगानेर से पधारे गौरव जैन शास्त्री जी के सानिध्य में मवाना से आया ग्रुप के द्वारा संगीत की मधुर ध्वनि के साथ संपन्न कराया गया ।
प्रातः काल से ही मंदिर जी में अभिषेक, शांति धारा ,पूजा,अर्चना की गई विधान का आयोजन श्री उषा जैन,अंकित जैन,अंकुर जैन,अनुरूध जैन एस के जैन के द्वारा कराया गया जिसमें काफी श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
इस दशलक्षण पर्व पर गौरव गौरव जैन शास्त्री जी ने बताया कि आज उत्तम तप धर्म है
भाद्रमाह के सुद ग्यारस को दिगंबर जैन समाज के पवाॅधिराज पर्यूषण दसलक्षण पर्व का सातवाँ दिन होता है
(क) तप का मतलब सिर्फ उपवास भोजन नहीं करना सिफॅ इतना ही नहीं है बल्कि तप का असली मतलब है कि इन सब क्रिया के साथ अपनी इच्छाओं और ख्वाहिशों को वश में रखना ऐसा तप अच्छे गुणवान कर्मों में वृद्धि करते है ॥
(ख) साधना इच्छाओं की वृद्धि ना करने का एकमात्र मागॅ है ॥ पहले तीर्थंकर भगवान आदिनाथ ने करिब छह महीनों तक ऐसी तप साधना (बिना खाए बिना पिए) कि थी और परम आनंद मोक्ष को प्राप्त किया था ॥
हमारे तीर्थंकरों जैसी तप साधना करना इस जमाने में शायद मुमकिन नहीं है पर हम भी ऐसी ही भावना रखते है और पर्यूषण पवॅ के 10 दिनों के दौरान उपवास (बिना खाए बिना पिए), ऐकाशन (एकबार खाना-पानी) करतें है और परम आनंद मोक्ष को प्राप्त करने की राह पर चलने का प्रयत्न करते हैं ॥
शाम को 7:00 बजे मंदिर जी में महा आरती की गई तत्पश्चात शास्त्री जी के प्रवचन हुए ।
इस अवसर पर जैन समाज के प्रधान अनिल जैन,पुलकित जैन,नितिन जैन, संजीव जैन,भुवन,अंकुर ,सचिन,अमित,अशोक जैन, आकाश जैन, विकास जैन ,तुषार जैन ,संदीप जैन, मोनू जैन,नमन,अंकित, सुधीर जैन, ममता जैन,नीतुजैन प्रभा जैन , विनोदबाला,भावना,आभा, जैन,श्वेता जैन आदि लोग उपस्थित थे