– हर क्षय रोगी को पोषण के लिए मिलते हैं पांच सौ रुपए
– अशोक इंटर कॉलेज, सरावा में हुआ एसीएसएम कार्यक्रम
हापुड़ । क्षय रोग विभाग टीबी और उसके उपचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एडवोकेसी, कम्यूनिकेशन एंड सोशल मोबिलाइजेशन (एसीएसएम) कार्यक्रम के तहत सामुदायिक गतिविधियों का आयोजन करता है ताकि क्षय रोग उन्मूलन किया जा सके। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूल एक्टिविटी के लिए जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश कुमार सिंह बुधवार को विभागीय टीम के साथ सरावा गांव स्थित अशोक इंटर कॉलेज पहुंचे और ग्राम प्रधान मदन व कॉलेज प्रधानाचार्य कर्म सिंह की मौजूदगी में छात्रों को टीबी के रोग और उसके उपचार के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। डीटीओ के साथ वरिष्ठ प्रयोगशाला पर्यवेक्षक बृजेश कुमार और जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर सुशील चौधरी भी मौजूद रहे।
डीटीओ डा. सिंह ने कॉलेज के छात्रों को बताया- घर में यदि किसी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी है तो यह टीबी का लक्षण हो सकता है। ऐसे व्यक्ति को टीबी की जांच करानी चाहिए। साथ ही उन्होंने छात्रों से घर में जाकर इस बात पर चर्चा करने के लिए कहा कि टीबी भी अन्य बीमारियों की ही तरह है। यह किसी प्रकार के अभिशाप का परिणाम नहीं है, बल्कि जीवाणु से होती है। टीबी अधिकतर फेफड़ों को प्रभावित करती है, और फेफड़ो की टीबी ही संक्रामक होती है। छह माह के नियमित उपचार के बाद टीबी पूरी तरह से ठीक हो जाती है। टीबी को छिपाएं नहीं बल्कि समय रहते इसका उपचार कराएं ताकि रोगी के संपर्क में आने वालों में संक्रमण का फैलाव न हो। उपचार शुरू होने के कुछ दिनों बाद इसके संक्रामक होने की आशंका काफी कम रह जाती है।
डीटीओ ने बताया टीबी की जांच और उपचार पूरी तरह निशुल्क है। क्षय रोग विभाग निशुल्क जांच करता है और यदि जांच में टीबी की पुष्टि हो जाती है तो तत्काल निशुल्क उपचार शुरू हो जाता है। इतना ही नहीं विभाग हर क्षय रोगी को उपचार जारी रहने तक हर महीने पांच सौ रुपए रोगी के बैंक खाते में भेजता है। यह राशि रोगी को उसके बेहतर पोषण के लिए दी जाती है। डीटीओ ने बताया क्षय रोगी को उच्च प्रोटीन युक्त भोजन की आवश्यकता होती है। बेहतर पोषण उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने सामाजिक संगठनों के अलावा निजी तौर पर भी गोद देने का अभियान चला रहा है ताकि रोगियों को पोषण के साथ ही भावनात्क सहयोग भी मिल सके।
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डीटीओ ने तीन यूनिट की समीक्षा की
जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश कुमार सिंह ने बताया – बुधवार दोपहर बाद उन्होंने हापुड़ ब्लॉक की तीन टीबी यूनिट की समीक्षा की। हापुड़ शहर में जिला टीबी यूनिट, पीपीसी कोठीगेट यूनिट और गढ़ रोड सीएचसी स्थित टीबी यूनिट आती हैं। तीनों यूनिट के कर्मचारी समीक्षा बैठक में मौजूद रहे। मीटिंग के दौरान अधिक से अधिक क्षय रोगियों को खोज निकालने के प्रयासों पर भी चर्चा हुई।
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