हापुड़।
गढ़ के मेरठ मार्ग क्षेत्र में रोडवेज चालक व परिचालक ग्रामीण क्षेत्रों के स्टापेज से सवारियों को बसों में नहीं बैठाते। जिससे ग्रामीणों को परेशानी के साथ-साथ परिवहन निगम को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। इसका फायदा उठाकर डग्गामार वाहन संचालक फल-फूल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने ग्रामीण क्षेत्रों को रोडवेज बसों की सुविधा देने से लिए बस स्टापेज बनाए हैं। गढ़-मेरठ मार्ग पर नानपुर, दौताई, लाेदीपुर, हिरनपुरा में बस स्टापेज हैं। इस रूट से गुजरने वाली विभिन्न डिपो की बसों के चालक-परिचालक ग्रामीण बस स्टापेज की सवारियों को बैठाना नहीं चाहते। परिचालक सवारियों को बस स्टापेज नहीं होने का तर्क देखकर उन्हें वहां से टरका देते हैं। भूलवश ग्रामीण क्षेत्रों के यात्री बस में बैठ भी जाते हैं तो उनसे अतिरिक्त किराया वसूल जाता है। रोडवेज चालक-परिचालक गैर जिम्मेदार रवैये से उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को नुकसान पहुंच रहा है। ग्रामीण के लिए रोडवेज निगम के बस स्टापेज नाममात्र के रह गए हैं। इसका फायदा उठाकर डग्गामार वाहन सवारियों से मनमाफिक किराया वसूल कर उन्हें आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हैं। जबकि सुबह के समय मेरठ स्थित स्कूल जाने वाले छात्र छात्राओं के अलावा ड्यूटी करने वाले लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस संबंध में एआरएम रणजीत सिंह ने बताया कि संबंधित मार्ग पर जहां जहां सवारी को चालक परिचालक देखते है सभी स्थान से सवारी बसों में बैठाई जाती है। यदि कोई शिकायती आती है मामले की जांच कर कार्यवाही की जायेगी।