गाजियाबाद(अमित अग्रवाल )।
कहते भी हैं,एक मनुष्य की मृत्यु कैसे भी हो पर उसका जन्म आधार का स्त्री ही होती है।भारत देश में 50% आबादी का हिस्सा महिलाएं है।लेकिन महिलाएं राजनीतिक क्षेत्र में आज बहुत पीछे हैं। डॉ सपना बंसल ने बीड़ा उठाया है कि राजनीतिक पार्टियां महिलाओं को उचित भागीदारी दें। गाजियाबाद की राजनीति में डॉ. सपना बंसल महिलाओं का प्रतिनिधित्व करेंगी।
पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं का वर्चस्व आज भी स्वीकार नहीं है। महिलाओं को अपना प्रभाव बढ़ाना होगा तथा राजनीतिक शक्ति का सही उपयोग करते हुए अपने वर्चस्व को स्थापित करना होगा।
डॉ. बंसल का कहना है कि महिला प्रतिनिधियों की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए आरक्षण एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। महिलाओं को लोकसभा और सभी राज्यों की विधान सभाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने संबंधी विधेयक तत्काल पारित किया जाना आवश्यक है। राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए आवश्यक है कि समाज में प्रत्येक स्तर पर महिला सशक्तीकरण तथा उनकी भागीदारी के लिए प्रयास किए जाएं।क्योंकि शिक्षित एवं सशक्त महिलाएं देश का नेतृत्व करें। जरूरत है, सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित हों, तभी महिलाएं भी स्वेच्छा से आगे आ सकेंगी।
डॉ बंसल ने शिक्षा महिला सशक्तीकरण का आधार है ।भारतीय राजनीति में आनुपातिक रूप से महिलाओं की सहभागिता कम है, हालांकि 73वें तथा 74वें संविधान संशोधन के फलस्वरूप आरक्षण प्रावधानों से पंचायती राज में महिलाओं की भागीदारी निश्चित रूप से बढ़ी है, लेकिन इससे भी आगे प्रयासों की आवश्यकता है।
गाजियाबाद की राजनीति में महिलाओ की भागीदारी बढ़ाने के लिए पंचायतीराज संस्थाओं के समान विधानसभा, लोकसभा व राज्यसभा में भी महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित करनी चाहिए, वर्तमान में लोकसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व केवल 14.8 प्रतिशत है। साथ ही महिलाओं को उनके राजनीतिक अधिकारों के प्रति जागरूकता जरूरी है। ज्यादातर राजनीतिक पार्टियों के कथनी और करनी में अंतर है। पिछले 70 सालों में लोकसभा में चुनी हुई महिलाओं की मौजूदगी दोगुनी भी नहीं हुई है। बड़े और प्रमुख राजनीतिक दल महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने और लोकसभा व विधानसभाओं में तैंतीस फीसदी आरक्षण देने की चाहे जितनी वकालत करें, उनकी कथनी और करनी में फर्क बरकरार है।