हापुड़ (अमित अग्रवाल मुन्ना)।
डीएम ने इस साल गढ़मुक्तेश्वर में लगनें वालें कार्तिक पूर्णिमा मेला में पशु मेला व गधे घोड़े खच्चर, गाय, बैल आदि के प्रवेश पर रोक लगाते हुए अन्य जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है।
डीएम मेधा ने कहा कि प्रदेश में हापुर सहित पश्चिमी उप्र के अन्य सभी सीमावर्ती जनपदो में गोवशीय एवं मैसवंशीय पशुओं में पाक चायरल बीमारी लम्पी रिकन बिजीज का प्रकोप फैला हुआ है। इस बीमारी में पशुओं की त्वचा पर गांठनुमा फफोले व घाव हो जाते है पशु को तेज बुखार बना रहता है एवं पशु चारा खाना बन्द कर देता है। गामिन पशुओं में गर्भपात हो जाता है तथा पशु बांझपन के शिकार हो जाते है। पशुओं का दूध लगभग समाप्त हो जाता है बीमारी से 6 सप्ताह तक बनी रहती है इलाज के स्वस्थ होने में 3 से 4 माह का समय लगता है यह बीमारी गाय-भैंसों के साथ-साथ गधेो खच्चर ऊँट एवं हिन्न प्रजाति के पशुओं को सर्वाधिक प्रभावित करती है, जिसके कारण कार्तिक पूर्णिमा मेला गढ़मुक्तेश्वर प्रदेशनी में पशुओं के एक स्थान पर एकत्र होने से बाद पूर्ण लक्षणविहीन किन्तु रोग के वाहक पशुओं के द्वारा यह बीमारी सभी संपर्क में आने वाले पशुओं में घातक रूप से फैलने की प्रबल सम्भावना है।
उन्होंने बताया कि जनपद हापुड़ के तहसील-गडमुक्तेश्वर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा मेला गढ़मुक्तेश्वर का आयोजन दिनांक 29.10.2022 से किया जाना है. मेला अत्यधिक पौराणिक एवं धार्मिक होने के कारण इस मेले में आस-पास के राज्यों तथा जनपदों से लगभग 20-25 लाख श्रद्धालु भाग लेते हैं। उक्त गंगा स्नान मेले के साथ-साथ मेले में अश्व प्रर्दशनी / अश्व विपणन / कय-विक्रय का कार्य भी होता रहा है। लेकिन इस वर्ष शासन से जारी दिशा निर्देशों तथा निदेशक पशुपालन विभाग लखनऊ से दूरभाष पर प्राप्त मौखिक आदेशों के क्रम में लम्पी स्किन बिजीज रोग के कारण मेले में अश्य प्रदर्शनी/ विपणन / कय-विक्रय पर रोक लगायी गयी है। वक्त को दृष्टिगत रखते हुए कार्तिक पूर्णिमा मेला गढ़मुक्तेश्वर-2022 में गधे घोड़े, खच्चर गाय, बैल व भैसा बुग्धी का प्रवेश पूणतया निषेध रहेगा, अगर किसी श्रद्धालु के द्वारा इसका अनुपालन नहीं किया जाता है तो उसे मेले में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा साथ ही उस पर उचित जुर्माना भी लगाया जायेगा।
उन्होंने मेरठ गाजियाबाद बुलन्दशहर गौतमबुद्धनगर बागपत , शामली / मुजफ्फरनगर / अमरोहा / सम्भल के डीएम से अनुरोध करते हुए कहा कि
वे अपने-अपने जनपद से उक्त मेले में शामिल होने वाले सभी अश्व प्रर्दशनी/विपणन में लगे व्यापारियों, आयोजको पशु स्वामियों तथा किसानों के साथ-साथ गंगा स्नान हेतु आने वाले बद्धालुओं को जागरूक करते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार कराये ताकि गधे घोड़े खप्पर गाय, बैल वाग्धी सुरुवाती स्थल / अपने घरों से ही न निकल पायें तथा गंगा स्नान मेले में किसी भी गधे घोड़े खम्बर गाय बैल व भैसा बुग्गी का प्रवेश आपके जनपद से जनपद-हरपुर में ना होने पाये, जिससे पशुओं में फैलने वाली घातक वायरल बीमारी लम्पी स्किन डिजीज प्रकोप को रोका जा सके और कार्तिक पूर्णिमा मेला गढ़मुकोश्वर-2022 का आयोजन सफलतापूर्वक किया जा सके।