हापुड़। नगर के कोठीगैट स्थित एक अस्पताल में महिला चिकित्सक पर दिखानें के दौरान पांच माह की गर्भवती की डिलीवरी कर बच्चे को मृत बताकर सौंपनें का आरोप व अंतिम संस्कार के समय जिंदा बच्चा को जिंदा देख परिजनों ने जमकर हंगामा करते हुए पुलिस में तहरीर दी।
जानकारी के अनुसार नगर के कोठीगैट स्थित हास्पिटल में पहुंची पीड़ित गर्भवती महिला का कहना है कि वह मामूली परेशानी के चलते डॉक्टरनी को दिखाने आई थी पर वह मात्र 5 माह की गर्भवती थी। परंतु प्रसिद्ध हॉस्पिटल के डॉक्टर द्वारा परिजनों से भर्ती के लिए आधार कार्ड की मांग की गई परंतु जब महिला के साथ आए परिजन अपना आधार कार्ड लेने चले गए इसी बीच डॉक्टर द्वारा उसकी डिलीवरी करा दी गई और बच्चा बड़ी तेजी के साथ टेबल के नीचे रखी बाल्टी में जा गिरा जिसके बाद डॉक्टर द्वारा परिजनों के पहुंचने पर बच्चे को घंटों बाद सौंपते हुए मृत बता दिया गया। बच्चे को मृत बताए जाने के पश्चात जब परिजनों द्वारा उस को दफनाने का प्रयास किया गया तो बच्चा जीवित मिला। बच्चें को जीवित देख उन्होंने बच्चे को डॉक्टर के यहां भर्ती कर दिया जिसके बाद बच्चा अभी भी स्वस्थ्य है।
घटना को लेकर देर रात परिजनों ने जमकर हंगामा काटते हुए एफआईआर की मांग की।
परिजन में अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जीवित बच्चे को मृत घोषित करना तथा एक बच्चे को उपचार ना मिलने में देरी बनाना एक दंडनीय अपराध है इसके लिए वे अस्पताल के डॉक्टरों पर वैधानिक कार्यवाही चाहते हैं।
उधर अस्पताल के चिकित्सकों का दावा हैं कि महिला को गर्भपात के लिए लाया गया था। डिलीवरी के बाद परिजनों को बताया था कि बच्चा जीवित है और गंभीर हालत में है ,जिसे बच्चों के डाक्टर के पास ले जानें को कहा था। उनके द्वारा लगाए गए आरोप पूर्णतः गलत हैं। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता पांच माह की गर्भवती को पहले बचानें की थी।