नेशनल हाईवें पर ग्रीन बेल्ट में अवैध रूप से अधिकारियों की मिलीभगत से बेखौफ चल रहे हैं 32 अवैध ढाबें, NHAI ने थमाएं नोटिस,होगी कार्रवाई

नेशनल हाईवें पर ग्रीन बेल्ट में अवैध रूप से अधिकारियों की मिलीभगत से बेखौफ चल रहे हैं 32 अवैध ढाबें, NHAI ने थमाएं नोटिस,होगी कार्रवाई

हापुड़ (यर्थाथ अग्रवाल मुन्ना)।

जिलें में संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से नेशनल हाईवे पर अवैध रूप से बेखौफ होकर 32 ढ़ाबे संचालित हैं। जिसको लेकर
एनएचएआई ने नोटिस जारी किए हैं। जिससे कार्यवाही की सम्भावना है।

जानकारी के अनुसार बाबूगढ़ के पुराने हाईवे पर बाबूगढ़, उपैड़ा, सिंभावली होते हुए ब्रजघाट के लिए जाते थे। पुराने मार्ग पर वाहनों का संचालन होने के कारण इस क्षेत्र में दाबे और रेस्तरां बने हुए थे। नया हाईवे बनने के बाद पुराने मार्ग पर ट्रैफिक कम हो गया। संचालकों ने आनन- फानन में नए बाईपास पर जमीन किराए पर लेकर ढाबे बना दिए।

करीब दो साल पहले हापुड़ से मुरादाबाद के लिए एनएचए‌आई ने नया बाईपास मनापा था। इस हाईवे के बनने के बाद से ही बड़ी संख्या में होटल और ढाबों का निर्माण हुआ है। हाईवे से गुजरने वाले यात्रियों की परेशानियों को कम करने के लिए ढाबों का निर्माण तो हुआ, लेकिन निर्माण के दौरान नियमों का पालन नहीं हुआ। एनएचएआई, एचपीडीए, अग्निशमन विभाग आदि से बिना अनापत्ति प्रमाण-पत्र लिए ढाबों का निर्माण कर दिया गया। यहां – तक कि जो भूमि किसी अन्य कार्य के लिए रखी गई है और ग्रीन बेल्ट में शामिल है।

यहां भी अवैध तरीके से ढाबों का निर्माण हुआ है। कुछ ढाबों का निर्माण टीन शेड डालकर कर दिया गया है। जिसके कारण तेज आंधी में कोई हादसा भी हो सकता है। कई जगह पर तो पार्किंग भी बिल्कुल हाईवे से सटाकर बना दी गई है। जबकि, कुछ स्थानों पर हाईवे की जमीन पर ही ढाबों का विमांग कर दिया गया है।

हापुड़ से गढ़‌मुक्तेश्वर तक हाईये 9. के दोनों तरफ अवैध रूप से बने 30 रेस्तरां और ढाबों को एचपीडीए भी नोटिस दे चुका है। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. नितिन गौड़ ने जिले में तैनाती के तुरंत बाद ही कई ढाबों पर सील भी लगवाई थी। इससे ढाबा संचालकों में अफरा-तफरी भी मची थी। इसके बाद कुछ ने नक्शे पास कराकर एक करोड़ से अधिक जमा भी कराए थे, लेकिन कुछ समय बाद यह कार्रवाई बंद हो गई।

परियोजना अधिकारी अरविंद कुमार ने बताया कि जनपद में 32 ढाबों को चिह्नित किया गया है। जल्द ही सीलिंग व अन्य कार्रवाई संबंधित विभागों के साथ मिलकर की जाएगी।

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