द वेस्ट लैण्ड कविता 20वीं सदी के उत्कृष्ट लिखावट है -डॉ.आर.के .शर्मा

हापुड़। एस0एस0वी0 कॉलिज, हापुड के अंग्रेजी विभाग में टी0एस0इलियट द्वारा रचित ‘द वेस्ट लैण्ड’ कविता के शताब्दी वर्ष पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

जिसमें परास्नातक के छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 आर0के0 शर्मा ने बताया कि इस कविता को संस्कृति का सबसे प्रमाणिक रचनात्मक दस्तावेज के रूप में जाना जाता है। दे वेस्ट लैण्ड 20वीं सदी के उत्कृष्ट लिखावट है जिसके लिये टी0एस0 इलियट को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

संगोष्ठी की आयोजिका डॉ0 रानी तिवारी, एसो0 प्रोफेसर अंग्रेजी विभाग ने कहा कि द वेस्ट लैण्ड कविता आज भी प्रासंगिक सवालो के सामने रचनात्मक निर्भिकता के साथ खडी है। यह एक कालजयी रचना है। इस कविता का प्रकाशन 1922 में हुआ था। यह मानवीय सभ्यता के सफर को बहुत की सुन्दर ढंग से व्याख्यायित करती है। आज के युग में जब मानवीय संवेदना खत्म होती जा रही है, इलियट की कोशिश इसे बचाने की है। परास्नातक की छात्रा योगिता ने बताया कि इस कविता की काव्यशिल्प जटिल है।

अंशिका ने कहा कि यह कविता सभ्यतागत विकास पर कवि के ह्नदय की एक विस्तृत रचना है।मानसी ने कहा कि यह कविता सभ्यता को संवेदना से दूर न जाने के लिये आगाह करती है। मानवी ने कहा कि यह कविता मुक्त छन्द में लिखी गयी एवं तत्कालीन परिस्थिति को दर्शाती है।

सिमरन ने कहा कि निराशाजनक चित्र को प्रस्तुत करने के साथ-साथ यह हमें आशावादी संदेश देती है। खुुशबू ने कहा कि यह कविता हमें अपने जीवन के उददेश्य को पूर्ण करने के लिये आध्यात्मिक रास्ते पर चलने के लिये प्रेरित करती है ताकि न केवल मानव के मन में बल्कि पूरे विश्व में शांति स्थापित हो सके।

इस अवसर पर डॉ0 रूचि अग्रवाल, श्रीमती रजनी अग्रवाल, देवेन्द्री गौड उपस्थित रहें। श्री भीम सिंह का सहयोग रहा। महाविद्यालय प्राचार्य प्रो0 नवीन चन्द्र सिंह ने इस आयोजन के लिये अंग्रेजी विभाग की सराहना की।

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