हापुड़। थाना सिम्भावली क्षेत्र में पांच दिन पूर्व हुए देवली गोलीकांड का पुलिस ने खुलासा करते हुए भाई बहन को गिरफ्तार किया था। भाई की मौत का बदला लेनें के लिए बहन ने हमला करवाया था। हांलाकि अभी तक पुलिस मुख्य हमलावरों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।जानकारी के अनुसार
सिंभावली के गांव देवली निवासी वीरेंद्र भाटी अपने चचेरे भाई सुजीत भाटी अपने खेत की तरफ रविवार मॉर्निंग वॉक करते हुए नानपुर की तरफ जाने वाले रास्ते पर जा रहे थे,तभी तभी बाईकसवार बदमाशों ने वीरेंद्र व सुजीत के पास आकर रूकें और उन पर ताबातोड़ फायरिंग शुरू कर दी। जिससे तीनों घायल हो गए थे। घायल सिराजुद्दीन की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
एएसपी मुकेश मिश्रा ने बताया कि
जांच के दौरान पता चला कि सुजीत भाटी का एक साल पहले गांव के रहने वाले टीटू के साथ विवाद हुआ था ।। विवाद में टीटू घायल हो गया था। मामले में पंचायत के बीच दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ था। मगर कुछ महीने बाद टीटू की अस्पताल की मौत हो गई थी। यहीं से दोनों पक्षों के बीच रंजिश का सिलसिला शुरू हुआ था। टीटू का परिवार सुजीत भाटी को ही उसकी मौत का जिम्मेदार मानता था।
उन्होंने बताया कि टीटू की बहन पूनम उर्फ बिट्टू की शादी जिला मेरठ के थाना किठोर क्षेत्र के गांव गोविंदपुरी के रहने वाले नवीन से हुई थी।
नवीन भारतीय सेना में फौजी है। वर्तमान में उसकी तैनाती पंजाब के भटिंडा में चल रही है। भाई की मौत के बाद से पूनम मायके में ही रह रही थी। टीटू की चिता की आग भले ही ठंडी हो
गई थी। मगर बदले की आग में पूनम दिन-रात जल रही थी। उसने पति के साथ मिलकर सुजीत की हत्या का प्लान तैयार किया। प्लान को अंजाम देने के लिए पूनम ने बुआ के बेटे जिला मेरठ के गांव मीवा के रहने वाले हिमांशु उर्फ राका को शामिल किया था।
एएसपी ने बताया कि जिस ठेके पर हमलावर रुके थे, वहां लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में कैद हो गई थी। यहीं से हिमांशु और मिथुन बाइक पर सवार होकर देवली पहुंचे थे। जहां दोनों ने सुजीत भाटी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा हत्या कर दी थी।
मामलें में पूनम और अंकित को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि, मुख्य हमलावरों की अभी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम विभिन्न जिलों में दबिश दे रही हैं।