डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के ट्रायल से पहले अधिकारी करेंगे कार्यों की समीक्षा

परियोजना निदेशक की जांच रिपोर्ट के बाद निर्धारित होगी ट्रायल की तिथि

हापुड़। पश्चिम बंगाल से लुधियाना तक डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण खतौली तक अंतिम चरण में है। अब कभी भी इसके ट्रायल की तिथि घोषित की जा सकती है। ऐसे में मंगलवार शाम रेलवे और कार्यदायी संस्था के अधिकारियों ने किए गए कार्यों की समीक्षा व बैठक की, जिससे की ट्रायल की तिथि घोषित की जा सके। अब केवल कुछ स्थानों पर सिग्नल कनेक्टिविटी का काम बाकी है, जिसे टीमें पूरा करने में जुटी हैं।

डेडिकेटेड फ्रैट कारिडोर को तैयार करने के लिए अलग-अलग हिस्सों में कंपनियां कार्य कर रही हैं। खुर्जा से सहारनपुर तक 222 किमी तक कॉरिडोर तैयार करने के लिए एलएनटी कंपनी के अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें दिन रात जुटी हैं। ट्रैक को बिछाने के साथ हापुड़ जिले में सिग्नल कनेक्टिविटी का कार्य चल रहा था। हापुड़ जिले में इसका 98 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।

मंगलवार शाम जांच के लिए पहुंचे अधिकारी

परियोजना निदेशक पंकज सक्सेना समेत रेलवे के अधिकारियों ने मंगलवार शाम हापुड़ के आसपास के क्षेत्रों में किए गए कार्यों की समीक्षा की। हापुड़ जिले में पिलखुवा स्टेशन पर सिग्नल कनेक्टिविटी का काम पूरा हो गया है। जबकि न्यू हापुड़ स्टेशन पर कार्य तेजी से चल रहा है। निरीक्षण के बाद अधिकारियों की टीम ने कार्य में लगे अधिकारियों के साथ बैठक कर ट्रायल की स्थिति पर मंथन किया। बैठक में ट्रायल से पहले की जाने वाली तैयारियों के बारे में चर्चा की गई और स्थानीय अधिकारियों को इसके बारे में अवगत कराया गया।

ट्रायल की तैयारियां लगभग पूरी

ट्रायल से पहले अधिकारियों द्वारा फाइनल समीक्षा की जा रही है। ट्रायल की तिथि को लेकर भी मंथन हो रहा है। बाकी बचे कार्यों को अगले कुछ दिनों में पूरा कर लिया जायेगा। मंगलवार को पहुंची टीम ने आवश्यक दिशा निर्देश दिए। – गुरविंदर सिंह, प्रबंधक, एलएनटी कंपनी

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