भाजपा के प्रमोद सावंत ने सोमवार की देर रात गोवा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. 46 साल के सावंत ने मनोहर पर्रिकर की जगह ली है, जिनका रविवार को निधन हो गया था. गोवा के शीर्ष पद पर उनकी पदोन्नति बीजेपी और इसके गठबंधन सहयोगियों के बीच गहन चर्चा के बाद हुई.
गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने यहां देर रात लगभग दो बजे राजभवन में सावंत को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. सावंत के अलावा पर्रिकर के नेतृत्व वाली कैबिनेट का हिस्सा रहे 11 विधायकों ने भी मंत्रियों के रूप में शपथ ली. सावंत गोवा विधानसभा के अध्यक्ष थे. सीएम पद की शपथ लेने से पहले उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी दी है.
आयुर्वेद के डॉक्टर से लेकर गोवा के मुख्यमंत्री बनने तक सावंत ने एक लंबी यात्रा तय की है. उत्तरी गोवा के संखालिम से दो बार के विधायक चुने गए सांवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक समर्पित कार्यकर्ता हैं. वह हाल ही में संघ के एक कार्यक्रम में आरएसएस की ड्रेस में दिखे थे.
बीजेपी में सावंत के राजनीतिक करियर की शुरुआत युवा नेता के रूप में हुई थी. वह दिवंगत पर्रिकर के पक्के समर्थक थे और उन्होंने उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया.
सावंत ने 2012 और 2017 में उत्तरी गोवा के संखालिम विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की थी जो कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था.
वह बीजेपी के उन गिने-चुने विधायकों में से हैं जो दो साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों से दोबारा विजयी हुए थे. इस चुनाव में पार्टी को केवल 13 सीटें मिलीं, जबकि 2012 में इसने 21 सीटों पर जीत दर्ज की थी.
बहरहाल, पर्रिकर की कोशिशों से 2017 में बीजेपी नीत गठबंधन सरकार बनी जिसमें गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी और निर्दलीय विधायक शामिल थे. सावंत को विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित किया गया था.
वह गोवा राज्य अवसंरचना विकास निगम के अध्यक्ष भी रहे. राज्य में विभिन्न अवसंरचना कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए इस निगम की स्थापना पर्रिकर ने की थी.
नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री सावंत के पास महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिला स्थित गंगा एजुकेशन सोसाइटी आयुर्वेदिक कॉलेज से बीएएमएस की डिग्री है. उनकी पत्नी सुलक्षणा गोवा में बीजेपी महिला मोर्चा की प्रमुख हैं.