कोरोना की दंवाईयों में फंसे करोड़ों रूपये, सरकार से दंवाईयों की वापसी की लगाई गुहार

हापुड़(अमित मुन्ना/अनूप)।
कोरोना काल में कोरोना से संबंधित करोड़ों रूपये की दंवाईयां व उपकरण के बच जानें से दंवाई विक्रेता टेंशन में आ गए। कम्पनियों द्वारा वापसी के इंकार से उन्होंने सरकार से दंवाईयां व उपकरण वापसी की गुहार लगाई हैं।

दवाईयों के ओवर स्टॉक की चिंता को लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आज बैठक की।

केमिस्ट एंड ड्रग्गिस्ट एसोसिएशन,हापुड़ के महासचिव विकास गर्ग ने बताया कि
कोरोना के घटते मामलों के चलते महामारी से लड़ने में काम आने वाली दवाओं की मांग में कमी आयी है जरूरत से ज्यादा दवाओं और सर्जिकल आइटम का स्टॉक मार्केट में फंस गया है।
संक्रमण की दूसरी लहर अप्रैल माह में आई थी कोरोना के इलाज से जुड़ी दवाओं की मांग सामान्य से 10 गुना अधिक हो गयी थी जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे जरूरी दवाओं की मांग में कमी आयी हैं जो 100 प्रतिशत से घटकर अब 15 प्रतिशत रह गयी है। सबसे ज्यादा हो हल्ला रेमडीसीवेर इंजेक्शन को लेकर था कोरोना की पीक लहर के समय कंपनियों के पास दवा विक्रताओं को देने के लिए पर्याप्त स्टॉक ही नहीं था परन्तु जनपद के दवा विक्रेताओं ने कोरोना संक्रमित मरीज़ो को ध्यान में रखते हुए अपनी दवाओं की मांग जारी रखी और कोरोना में काम आ रही दवा रेमडीसीवेर इंजेक्शन और फवीपीरावीर टेबलेट दवाओं का भरपूर स्टॉक जिले में मंगा लिया अब जब कोरोना संक्रमण के मामले घटने लगे तो ऐसे समय में दवा विक्रेताओं के सामने संकट खड़ा हो गया है मांग घटने से दवाओं और सर्जिकल सामानों का करोड़ों रुपये का स्टॉक दवा की दुकानों पर फंस गया है जिसे कंपनियों ने वापस लेने से मना कर दिया हैं।

*इन दवाओं में आयी गिरावट👇🏻*
*पेरासिटामोल………..90 प्रतिशत*
*एजिथ्रोमाईसीन………90 प्रतिशत*
*जिंक………..………….90 प्रतिशत*
*विटामिन सी……………80 प्रतिशत*
*आयवरमेक्टिन………….95 प्रतिशत*
*सर्जिकल मास्क…………75 प्रतिशत*
*सैनिटाइजर………………80 प्रतिशत*
*थर्मामीटर………………..90 प्रतिशत*

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