ऊर्जा निगम के कर्मचारी, अधिकारियों की लापरवाही के चलते हाथ गंवाने वाले को नहीं मिला 17 साल बाद भी इंसाफ

हापुड़। 17 साल पहले ऊर्जा निगम के कर्मचारी, अधिकारियों की लापरवाही से हादसे में दोनों हाथ गंवाने वाले सिमरौली निवासी योगेंद्र को अब तक इंसाफ नहीं मिला है। उप श्रमायुक्त गाजियाबाद के न्यायालय के आदेश के बावजूद पीडि़त की आर्थिक सहायता नहीं मिली है। पीडि़त ने इस मामले में ज्ञापन सौंपकर, 20 को कलक्ट्रेट में आत्मदाह करने की धमकी दी है।

सिमरौली निवासी योगेंद्र ने बताया कि वर्ष 2006 में बिगास में विद्युत लाइन पर काम करते समय अचानक बिजली छोड़ दी गई। इस हादसे में उसके दोनों हाथ कट गए। एक साल तक ऊर्जा निगम के अफसरों से मुआवजे के लिए मिन्नत करता रहा, लेकिन कोई राहत नहीं मिलने पर वर्ष 2007 में कोर्ट का सहारा लिया।

पीडि़त ने बताया कि कोर्ट से हर महीने उसे पांच हजार रुपये जीवन निर्वाह के लिए दिए जाने का आदेश हुआ। उप श्रमायुक्त गाजियाबाद के न्यायालय ने डीएम हापुड़ को 1.55 लाख की धनराशि राजस्व वसूली के रूप में वसूल कर पीडि़त को दिलाने के आदेश दिए। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी उसे पैसा नहीं मिल सका है। परेशान योगेंद्र ने न्याय नहीं मिलने पर अब 20 अप्रैल को जिला मुख्यालय पर आत्मदाह का धमकी दी है।

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