अपने हक व न्याय के लिए कमीश्नर पर पहुंचे भवन बचाओं समिति के सदस्य,एकपक्षीय निर्णय का किया विरोध


हापुड़(अमित अग्रवाल मुन्ना)।
हापुड़ पिलखुवा प्राधिकरण की मनमानी व दोहरें रवैये से क्षुब्ध भवन बचाओं संघर्ष समिति के चेयरमेन की अगुवाई में भवन स्वामियों ने सोमवार को मेरठ पहुंच कमीश्नर व प्राधिकरण अध्यक्ष से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई।
समिति के चेयरमेन ललित छावनी वालों ने कमीश्नर सुरेन्द्र सिंह को दिए पत्र में कहा कि आपसे पूर्व दिनांक 19.06.2018 को हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की बोर्ड मीटिंग के निर्णय संख्या- 13 की ओर दिलाना हैं, जिसमें कि माननीय मुख्यमन्त्री महोदय, उत्तर प्रदेश सरकार व दिनांक 22.02.2018 को अपर मुख्य सचिव आवास की अध्यक्षता में तत्कालीन उपाध्यक्ष प्राधिकरण व भवन बचाओं संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों के समक्ष तय किये गये समझौते के विपरीत अपनी ही भूमि व भवन को आनन्द विहार आवासीय योजना की अधिकृत दर 19000/- प्रति वर्गमीटर में पुनः खरीद करना होगा की ओर दिलाना चाहते हैं।

भवन बचाओं संघर्ष समिति ने बोर्ड द्वारा लिये गये 19000/- की दर का बोर्ड मीटिंग में भी विरोध किया था तथा अपर सचिव आवास लखनऊ को भी अपना विरोध दर्ज कराया था, जिसमें सन्दर्भ में मनीषचन्द श्रीवास्तव, अनुसचिव आवास, उ०प्र० शासन द्वारा दिनांक 17 दिसम्बर, 2019 को प्राधिकरण से स्पष्टीकरण मांगा गया था कि जो पूर्व में शासन स्तर पर आहुत बैठक में प्राधिकरण द्वारा दी गयी सहमति एवं निर्गत निर्देशों के अनुकूल नहीं है, जिसके संदर्भ में प्राधिकरण में कोई कार्यवाही न कर अपना बोर्ड मीटिंग वाला निर्णय लागू करने का आग्रह किया।

इस सबके सन्दर्भ में प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, उ०प्र० शासन की अध्यक्षता में एक मीटिंग पुनः दिनांक 15.03.2021 को एनेक्सी भवन, लखनऊ में आहुत की गयी।
जिसमें समिति की सभी मांगों पर गम्भीरतापूर्वक विचार किया गया तथा पुनः मीटिंग कर बोर्ड में 19,000/- की दर के विरोध पर सहयोग करने का आश्वासन दिया गया।
परन्तु इस सबके विपरीत दिनांक 22.06.2021 को भवन बचाओं संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को आश्वासन दिये जाने के बाद भी मीटिंग में न बुलाकर एकपक्षीय निर्णय प्राधिकरण के हित में कर दिया गया, जोकि सैकड़ों व्यापारिक प्रतिष्ठानों के खिलाफ है, जिसका हम विरोध करते हैं।
उन्होंने कहा कि एक बार हमारी परेशानियों को दृष्टिगत रखते हुए एन. एच-24 पर बने हुए लगभग 2 किलोमीटर में बने हुए भवनों (मकान, दुकान, फैक्ट्रियों) का भौतिक निरीक्षण कर बोर्ड द्वारा 19,000/- प्रति वर्गमीटर की दर पर पुनः निर्णय कराते हुए हजारों परिवारों की रोजी-रोटी को दृष्टिगत रखते हुए उचित निर्णय ले।

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