इस बार दो माह का सावन, जलाभिषेक के लिए मिलेंगे आठ सोमवार

इस बार दो माह का सावन, जलाभिषेक के लिए मिलेंगे आठ सोमवार

 

हापुड़। चार जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो चुकी है। इस बार सावन दो माह का होगा, इसमें शिवभक्तों को जलाभिषेक के लिए आठ सोमवार मिलेंगे।

ज्योतिष कर्मकांड महासभा परामर्श मंडल के संतोष कुमार तिवारी ने बताया कि श्रावण मास का प्रारंभ चार जुलाई से हो गया है जो 31 अगस्त तक रहेगा। इस बार अधिक मास होने के कारण श्रावण 2 महीने का है श्रावण मास में की गई शिव उपासना विशेष फलदायी होती है। श्रावण का अर्थ है सुनना, इस माह में अधिक से अधिक कथा सत्संग श्रवण करें। पुराणों का पढ़ने और सुनने का विशेष फल बताया गया है श्री रामचरितमानस शिव महापुराण श्रीमद्भागवत कोई भी ग्रंथ श्रावण मास में लगा सकते हैं अनेक कामनाओं के लिए अनेक पदार्थों से भगवान शिव का अभिषेक बताया गया है। सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई को है। इसके बाद 17, 24, 31 जुलाई, 7 अगस्त, 14, 21 28 अगस्त को सोमवार के दिन जलाभिषेक के सुखद संयोग हैं। अलग अलग शिवालयों में जलाभिषेक के लिए भक्तों की भीड़ जमा होने से पहले ही मंदिर समिति द्वारा साफ सफाई व सुरक्षा व्यवस्था की मांग प्रशासन की जा चुकी है। प्रशासन के आदेश के बाद शिवालयों के आसपास व रास्तों से गंदगी हटाकर सफाई कराई जा रही है।
इस प्रकार करें भगवान शिव का अभिषेक

भगवान शिव की पूजा करने के लिए स्वच्छ वस्त्र धारण कर सर्वप्रथम मंदिर में जाकर पहले गणपति, नंदीश्वर, कार्तिकेय, मां पार्वती फिर भगवान शिव पर क्रमपूर्वक जल चढ़ाए। उसके बाद दूध, दही, घी, शहद, शक्कर को क्रम पूर्वक चढ़ाते हुए फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं। वस्त्र और यज्ञोपवीत धारण करवा कर चंदन का तिलक करें और बैल पत्र चढ़ाएं। क्षमा याचना करते हुए शिव मंत्र का रुद्राष्टक शिव स्तुतियों के द्वारा उनकी पूजा करें और जप करें।

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