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जनपद में डेढ़ साल बाद 93 शिक्षकों सहित अन्य कर्मचारी का रोका वेतन,शिक्षक संगठनों ने दी आंदोलन की चेतावनी

हापुड़ ।बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्ध कॉलेज में नियुक्त शिक्षकों पर डेढ़ साल बाद कार्रवाई ने भ्रष्टाचार की पोल खोल दी हैं। डेढ़ साल पहले निरीक्षण में अनुपस्थित मिले 93 शिक्षक, शिक्षामित्र, अनुदेशकों, शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का वेतन रोका गया है। इस सूची में भी त्रुटियों की भरमार है, शिक्षकों ने इसमें सुधार नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

बीएसए कार्यालय की कार्रवाई बेहद अटपटी हैं, निरीक्षण के दौरान अनुपस्थिति शिक्षकों को जो आख्या तैयार होती है इसमें भी काफी झोल हैं, प्रेस नोट जारी कर वेतन कटौती का आदेश किया जाता है। लेकिन वास्तविक तौर पर ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

हाल ही में बीएसए ने 93 शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी, अनुदेशक, शिक्षामित्रों का वेतन रोका गया है। इसमें पुराने निरीक्षणों का हवाला दिया गया है।

साल पहले तक के निरीक्षण पर कार्रवाई हुई है, जबकि सह समय कार्रवाई का प्रावधान है। यदि उस कार्रवाई नहीं हुई तो इससे यह भी अंदाजा लगाया जा सकता है। कि जिस शिक्षक ने पैसे दे दिए उनका वेतन नहीं काटा और जिन्होंने पैसे नहीं दिए उनका वेतन काट दिया गया। अब 93 शिक्षकों का एक साथ वेतन रोका गया है।

बीएमए रितु तोमर ने कहा कि पोर्टल पर अनुपस्थिति आने पर शासन से संज्ञान लिया गया था कि गैरहाजिर पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इसी क्रम में शिक्षकों का वेतन रोका गया है।

उधर प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष नीरज चौधरी व अन्य नेताओं ने मामलें में समाधान ना होनें पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

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