पितृपक्ष की विदा वाले दिन दान करना शुभ फल देता है और जीवन से कई तरह की बाधाओं को हर लेता है। 17 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या है, इस दिन अंकशास्त्र के अनुसार शुभ फल के लिए अलग-अलग जन्मांकों के व्यक्तियों को अलग-अलग प्रकार से तर्पण और दान करना चाहिए
सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों के लिए तर्पण और दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन तर्पण और दान के द्वारा ऊर्जा का स्थानांतरण किया जाता है, जिसका हमारे जीवन में होने वाली घटनाओं पर असर पड़ता है। यह कई तरह की बाधाओं को जीवन से समाप्त करता है। इसलिए इस दिन पितरों को याद करके तिल को जल में मिलाकर अर्पित करें। इस क्रिया को ही तर्पण कहा गया है। इससे हम अपने पितरों को तृप्त करते हैं।
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जन्मांक 1 : (1, 10, 19, 28 तारीख को जन्मे व्यक्ति)- इस जन्मांक के लोग अनाज का दान करें। पीले रंग का रूमाल या कपड़ा और पीले रंग की मिठाई दान करें।
जन्मांक 2: ( 2, 11, 20 , 29 तारीख को जन्मे व्यक्ति): साबुत बादाम जल में प्रवाहित करें। शिवजी की प्रार्थना करें। कोई फल और सफेद रूमाल दान करें।
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जन्मांक 3: (3, 12, 21, 30 तारीख को जन्मे व्यक्ति)- ऐसे लोगों को पक्षियों को दाना देना चाहिए और जानवरों को चारा दान करना चाहिए।
जन्मांक 4 : (4, 13, 22, 31 तारीख को जन्मे व्यक्ति)- इन्हें तुलसी को जल चढ़ाना चाहिए और चींटियों को गुड़ देना चाहिए।
जन्मांक 5: (5, 14 , 23 तारीख को जन्मे व्यक्ति)- पक्षियों को बाजरा और चावल खिलाना चाहिए। इसके अतिरिक्त किसी गरीब को अनाज दान करना चाहिए।
जन्मांक 6 : (6, 15, 24 तारीख को जन्मे व्यक्ति)- इस जन्मांक के लोगों को गरीबों को चावल देना चाहिए। इसके अलावा मिठाई और खीर संभव हो, तो प्रदान करना चाहिए।
जन्मांक 7 : (7, 16, 25 तारीख को जन्मे व्यक्ति)- किसी तालाब या नदी में बादाम प्रवाहित करना चाहिए और थोड़ी दाल किसी गरीब को दान करनी चाहिए। इसके अतिरिक्त शहद भी किसी को दान करना चाहिए।
जन्मांक 8 : (8, 17, 26 तारीख को जन्मे व्यक्ति)- जो लोग शारीरिक रूप से लाचार हैं, उनको खाना खिलाएं। सफेद रंग का रूमाल भी प्रदान करना चाहिए।
जन्मांक 9 : (9, 18, 27 तारीख को जन्मे व्यक्ति)- आपको मिट्टी से बने कोई बर्तन को तालाब या नदी में प्रवाहित करना चाहिए और उसके बाद किसी गरीब महिला को खाना खिलाकर प्रणाम करना चाहिए।