घने कोहरे के आगोश में लिपटी पापड़ नगरी

घने कोहरे के आगोश में लिपटी पापड़ नगरी

हापुड़

सूर्यदेव के दर्शन देने के बावजूद भी कि ठिठुरन से निजात नहीं मिली। ठंड से बचाव को बच्चे व बूढ़े लोग घरों में दुबकने के लिए मजबूर हो रहे है।
घने कोहरे के कारण सडक़ों पर वाहन भी रेंगने पर मजबूर हो गये है। कोहरे के
कारण मुख्य ट्रेनें भी घंटों देरी से चल रही है।
आपको बता दें,कि नववर्ष आगमन के बाद से कड़ाके की ठंड पड़ रही
है। प्रतिदिन पड़ से घने कोहरे से जनजीवन बुरी प्रभावित होने लगा है।
रविवार की तडक़े से पड़ रहे घने कोहरे ने जनपद को अपने आगोश में लपेट
लिया। दिन चढऩे के बाद सूर्य देवता ने अपने दर्शन दिये। जिसके बावजूद भी
लोगों को ठिठुरन से निजात नहीं मिल सकी। ठंडे से बचाव को बच्चे व बूढ़े
अपने-अपने घरों में दुबकने को मजबूर है। घना कोहरा होने के कारण कई
प्रमुख ट्रेनें के लेट होने के यात्रियों को बसों का सहारा लेना पड़ा है।

कोयले व रूम हिटरों की बढ़ी मांग
जनवरी माह में पड़ रहीं कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए लोग रूम हीटरों व
कोयले की अंगीठी का सहारा ले रहे है। जिससे बाजार में रूम हीटरों व कोयले

की मांग बढ़ी है।

अलाव का सहारा लिया
रविवार को कड़ाके की ठंड से बचाव के लिए बाजार में दुकानदार अपनी दुकानों
के बाहर अलाव का सहारा लेते दिखाई दिये। ठंड के कारण बाजार में ग्राहक भी
कम संख्या में पहुंच रहे है। जिस कारण शाम को बाजार समय से पूर्व ही बंद

हो जाता है।

सडक़ों पर वाहन रेंगने पर मजबूर
रोजाना पड़ रहे घने कोहरे के कारण चंद कदम की दूरी पर वाहन चालकों को
आसानी से दिखाई नहीं दे रहा है। जिस कारण वाहनों से मिनटों का सफल वाहनों
से घंटों में तय हो रहा है। जिससे लोगों का समय के साथ धन की भी बर्बादी

हो रही है।

 

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