हापुड़ क्षेत्र में अवैध निर्माण व बेसमेन्टों का निर्माण बेखौफ जारी,निर्माणधीन बिल्डिग़ों में बनाये जा रहे है,अवैध बेसमेंट
-निर्मित बेसमेंट का प्रयोग पार्किंग के स्थान परस्कूल,शोरूम,कोचिंग
सेन्टर में हो रहा है
हापुड़।
हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण भ्रष्टïाचार को बढ़ावा देने में कोई कसर
छोड़ता नजर नहीं दिखाई आ रहा है। जिसका प्रमाण हापुड़ सिटी क्षेत्र में
देखने को मिल रहा है। शहर के मुख्य मार्गों पर काम्पलेक्स व इमारतों में
अवैध रूप से बेसमेंट का निर्माण दिन रात बेखौफ धड़ल्ले से जारी है। जबकि
शासन द्वारा बेसमेंट निर्माण पर रोक लगा रखी है। जो बेसमेंट बनकर तैयार
हुए है,उनका प्रयोग पार्किंग के स्थान पर अन्य कार्यों में किया जा रहा
है। इसके अलावा हापुड़ विकास क्षेत्र में अवैध कालोनियों की तो बाढ़ आ
गयी है। जिससे सरकार को प्रतिमाह लाखों के राजस्व की हानि हो रही है।
शहरी क्षेत्र में आवासीय व कार्मिशियल बिल्डिग़ में बेसमेंट का स्थानीय
निवासियों द्वारा हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण से आशीर्वाद लेकर
निर्माण बेखौफ होकर कराया जा रहा है। बेसमेंट निर्माण के लिए जिला
प्रशासन व खनन विभाग से अनुमति ली जाती है।
हापुड़ सिटी क्षेत्र में गढ़ दिल्ली रोड,फ्री गंज रोड व मेरठ
रोड,किठौर रोड,रेलवे रोड,मोदीनगर रोड,स्वर्ग आश्रम रोड पर काम्पलेक्स व
बिल्डिग़ों में अवैध रूप से बेसमेंट का निर्माण दिन रात धड़ल्ले से कराया
जा रहा है। कुछ बिल्डिंगों में निर्माण कराये जाने जानकारी होने के
बावजूद भी प्राधिकरण अधिकारियों द्वारा अवैध निर्माणधीन बेसमेंट को रोकने
के लिए कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गयी है।
बेसमेंट का निर्माण कराने के लिए नियम
प्राधिकरण अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार बेसमेंट निर्माण कराने
के लिए बिल्डिग़ के चारों ओर 2-2 मीटर का एरिया खाली छोडऩा अनिवार्य है।
गहराई चार मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए। बेसमेंट के तीनों ओर के भवन
स्वामियों से अनुमति लेनी अनिर्वाय होगी। इसके अलावा खनन विभाग से
अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य है। इसके अलावा अन्य सम्बंधित
विभागों से भी एनओसी लेनी होती है। अन्यथा की स्थिति में बेसमेंट अवैध
माना जायेगा।
बेसमेंट का प्रयोग अन्य कार्यों में
शासनादेश के अनुसार बेसमेंट का प्रयोग केवल पार्किंग में किया जा सकता
है। जिन स्थानों पर प्राधिकरण के आशीर्वाद से बेसमेंट का निर्माण हुआ है।
उनका प्रयोग स्कूल,शोरूम,कोचिंग सेंटर,अस्पताल व कार्मिशियल कार्यों में
भी प्रयोग किया जा रहा है।
शहर में अवैध निर्माणों की आई बाढ़
हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण की छत्र छाया में शहर की पॉश कालोनी
शिवपुरी,न्यू शिवपुरी,पटेल नगर,स्वर्ग आश्रम रोड,गांधी गंज,जवाहर
गंज,रेवती कुंज,पंजाबी कालोनी,श्रीनगर,प्रकाश नगर,एफसीआई
कालोनी,देवलोक,त्यागी नगर,राजेन्द्र नगर,अमरजीत कालोनी,राधापुरी,विवेक
विहार,आलोक,न्यू आलोक,अशोक कालोनी,अलका कालोनी,मधुबन
कालोनी,साकेत,प्रथम,द्वितीय व तृतीय में अवैध निर्माण चरम सीमा पर कराये
जा रहे है।
अवैध कालोनियों की भरमार
प्राधिकरण क्षेत्र में कालोनाइजरों द्वारा प्राधिकरण के अधिकारियों से
आशीर्वाद लेकर अवैध कालोनियां मोदीनगर रोड,किठौर रोड,चितौली
रोड़,बलन्दशहर रोड,स्वर्ग आश्रम रोड,मेरठ रोड,जरौठी रोड,एलएन पब्लिक
स्कूल के निकट के अलावा देहात क्षेत्र में दिन रात अवैध कालोनी काटी जा
रही है। जिससे प्राधिकरण को करोड़ों के राजस्व की हानि हो रही है।
प्राधिकरण की कालोनी होने लगी प्रभावित
शहर के आस-पास अवैध कालोनियां विकसित होने से प्राधिकरण की आनंद
विहार,प्रीत विहार प्रथम व द्वितीय प्रभावित हो रही है। क्योंकि जनमानस
प्राधिकरण की कालोनियों में भूखंड क्रय नहीं करते हुए अवैध कालोनियों में
प्लाट खरीद रहे है।
मकान तोडक़र बनाई मार्केट
हापुड़ शहर में सबसे संकरा खाई बाजार में मकानों को तोडक़र दुकानों का
निर्माण कराया गया है। पिछले दो वर्षों में करीब 50 दुकानों का अवैध
निर्माण कराया गया है। कई भवनों को तोडक़र कई मंजिलों का अवैध निर्माण
होने से प्राधिकरण को लाखों के राजस्व की हानि भी हुई है। प्राधिकरण
अधिकारियों को जानकारी होने के बावजूद यहां कोई कार्यवाही नहीं की गयी
है।
हापुड़ सिटी क्षेत्र में नियम विरूद्घ चार मंजिला भवनों का दिनरात
निर्माण हो रहा है। इसके अलावा कार्मिशियल निर्माण भी बेखौफ होकर कराया
जा रहा है। इन अवैध निर्माणों के खिलाफ प्राधिकरण द्वारा कब होगी
कार्यवाही? हापुड़ सिटी क्षेत्र में पिछले काफी समय से अवैध निर्माणों के
खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी है। इतना ही नहीं मेरठ रोड पर बेसमेंट
सहित 5 मंजिला कार्मिशियल भवन तैयार किया गया हैै। जिसमें इलेक्ट्रानिक
सामान का शोरूम भी शुरू हो गया है।
हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण के सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि शहर
में अवैध रूप से निर्मित हो रहे बेसमेंट व अवैध निर्माणों को प्राधिकरण
अधिकारी व कर्मचारी चिन्हित करने में जुटे है। जिसके उपरांत कार्यवाही
अमल में लाई जायेगी। इसके अलावा प्राधिकरण द्वारा समय-समय पर अभियान
चलाकर अवैध निर्माणों व प्लाटिंग के खिलाफ ध्वस्तीकरण व सीलिंग की
कार्यवाही करता आ रहा है।