गोलियों से छलनी कर दिया मासूमों का सीना
बुलंदशहर
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की एक अदालत ने चार साल से ज्यादा पुराने मुकदमे को लेकर अहम फैसला सुनाया। इस केस में अदालत ने सात से नौ साल की उम्र के तीन बच्चों की हत्या के जुर्म में बुधवार को तीन लोगों को मौत की सजा सुनाई। इन दोषियों के नाम बिलाल, इमरान और सलमान है।
एजेंसी के मुताबिक, सरकारी वकील विजय कुमार शर्मा ने बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनु कालिया ने बुलंदशहर के फैसलाबाद इलाके में अलीबा (7), आसमा (9) तथा अब्दुल रहमान (8) की हत्या के लिए उन्हें मौत की सजा सुनाई है।
इस बीच 2019 में की गई तीन मासूम बच्चों की हत्या के मामले में काफी चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। दोषियों ने मासूमों को रातभर कैद में रखा जिसके बाद उन्हें उनके माता-पिता के पास छोड़ने की बात कहकर सुबह करीब चार बजे उन्हें बाइक और स्कूटी पर बैठाकर धतूरी गांव पहुंचे। जहां अरीबा तीन, आसमां को दो और अब्दुल को तीन गोलियां मारी गई थी
सिर से मात्र दो मीटर के दायरे से मारी थी गोली
बच्चों पर बर्बरता ऐसी की तीनों के सीने और माथे तथा सिर में मात्र दो मीटर के दायरे से गोली मारी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक डेढ़ मिनट के अंतराल में तीनों की गोली मारकर हत्या की गई। अधिवक्ता विजय कुमार शर्मा ने बताया कि हत्या के बाद तीनों अभियुक्तों ने शवों को उठाकर पानी की होज में डाल दिया। शव मिलने के बाद प्रत्यक्षदर्शियों ने दिए बयान में बताया कि ट्यूबवैल चल रही थी और होज से खेतों तक पानी बच्चों के खून से सूर्ख लाल हो चुका था।
ममेरे भाई बिलाल ने रोजा इफ्तार के आयोजन में न बुलाने को लेकर माहेआलम उसके भाई जमशेद और उनके बहनोई हसीन खां को सबक सिखाने के लिए अपने दो दोस्तों सलमान और इमरान उर्फ गूंगा को साथ लिया और बच्चों का अगवा कर लिया। पीड़ित माहेआलम ने बताया कि सलमान कुख्यात है और दिल्ली क्षेत्र में लूट, डकैती और अपहरण आदि की वारदातों को अंजाम देता था।