नाम-आजाद,पिता-स्वतंत्रता, पता-जेल कहनें वालें क्रांतिकारी आजाद को किया याद,दी श्रद्धांजलि
हापुड़(अमित अग्रवाल मुन्ना)।
राष्ट्रीय सैनिक संस्था जनपद इकाई हापुड़ के तत्वाधान में रामलीला ग्राउंड स्थित शहीद स्तंभ पर महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की 115वीं जयंती शहीद स्तंभ पर चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा के सामने पुष्प अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।
संस्था के जिला उपाध्यक्ष मुकेश त्यागी ने कहा कि आजाद ने अंग्रेजों के पकड़ में ना आने की शपथ के चलते खुद को गोली मार ली थी. आजाद जब तक जिए आजाद रहे, उन्हें कोई कैद नहीं कर पाया. जब आजाद को अंग्रेजी सरकार ने असहयोग आंदोलन के समय गिरफ्तार किया था और अदालत में उनसे उनका परिचय पूछा गया तो उन्होंने कहा था- मेरा नाम आजाद और पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा पता जेल है।
संस्था के जिला कोषाध्यक्ष मुकेश प्रजापति ने बताया कि रामप्रसाद बिस्मिल और चंद्रशेखर आजाद ने साथी क्रांतिकारियों के साथ मिलकर ब्रिटिश खजाना लूटने और हथियार खरीदने के लिए ऐतिहासिक काकोरी ट्रेन डकैती को अंजाम दिया. इस घटना ने ब्रिटिश सरकार को हिलाकर रख दिया था. बात 9 अगस्त 1925 की है।
लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला लेने के लिए आजाद, राजगुरू और भगत सिंह ने योजना बनाई थी. 17 दिसंबर 1928 को आजाद, भगत सिंह और राजगुरु ने शाम के समय लाहौर में पुलिस अधीक्षक के दफ्तर को घेर लिया और ज्यों ही जेपी सांडर्स अपने अंगरक्षक के साथ मोटर साइकिल पर बैठकर निकले, तो राजगुरु ने पहली गोली दाग दी. फिर भगत सिंह ने आगे बढ़कर 4-6 गोलियां दागी. जब सांडर्स के अंगरक्षक ने उनका पीछा किया, तो चंद्रशेखर आजाद ने अपनी गोली से उसे भी खत्म कर दिया. इसके बाद लाहौर में जगह-जगह पोस्टर लगे कि लाला लाजपत राय की मृत्यु का बदला ले लिया ।
संस्था के जिला अध्यक्ष ज्ञानेंद्र त्यागी ने कहा कि महान क्रांतिकारियों के बलिदान को हमारा भारतवर्ष हमेशा याद रखेगा इनके त्याग को कभी भुलाया नहीं जा सकता अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संस्था के समस्त पदाधिकारियों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जयंती मनाई।
इस मौके पर संस्था के पश्चिमी उत्तर प्रदेश की महिला ब्रिगेड की अध्यक्ष श्रीमती सुमन त्यागी, वरिष्ठ जिला संयोजक हरिराज सिंह त्यागी, जिला सचिव विजय वर्मा, जिला कोषाध्यक्ष मुकेश प्रजापति, जिला सूचना प्रसारण मंत्री श्याम वर्मा उपस्थित रहे
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