fbpx
ATMS College of Education Menmoms Global Inc
News

निषाद पार्टी की संवैधानिक अधिकार यात्रा हापुड़ पहुँची, हुआ  भव्य स्वागत

निषाद पार्टी की संवैधानिक अधिकार यात्रा हापुड़ पहुँची, हुआ  भव्य स्वागत

*

हापुड़। शुक्रवार को निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” के तत्वावधान में निकाली जा रही संवैधानिक अधिकार यात्रा का आज सातवें दिन जनपद हापुड़ में पहुँची। यात्रा आज जनपद ब्रज घाट, गढ़मुक्तेश्वर (मीरा की रेती), अड़सैनी से कुचेसर से चौपला से हापुड़ (अंबेडकर चौक) तक भव्य स्वागत हुआ। यात्रा जनपद सहारनपुर से प्रारंभ हुई है और जनपद सोनभद्र तक 200 विधानसभा का सफ़र तय करेगी और यात्रा का समापन नई दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में किया जाएगा।

*गढ़मुक्तेश्वर में नाविकों से मुलाक़ात पर*
निषाद जी गढ़ मुक्तेश्वर में नाविकों से मुलाक़ात करने ब्रज घाट पहुँचे, और उन्होंने उनका कुशलक्षेम जाना साथ ही केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी नाविकों के साथ साँझा करते हुए कहा की पूर्व की सरकारों ने मत्स्य विभाग को केवल अपने चहेतों को रेवड़ी बाटने के लिए ही रखा हुआ था। उन्होंने कहा कि वो अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं कि जिस समाज के हक़ अधिकार की लड़ाई वो लड़ रहे थे, उन्हीं की सेवा करने का मौक़ा यशस्वी मुख्यमंत्री जी ने दिया है, उन्होंने कहा कि मछुआ समाज का बेटा ही मछुआ समाज और मत्स्य विभाग को भलीभाँति से समझ सकता है क्योंकि सामाजिक ताना-बाना मछुआरों का दर्द मछुआ समाज का बेटा ही समझ सकता है, आज प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिसका सीधा लाभ प्रदेश के मछुआ समाज को मिल रहा है, उन्होंने मत्स्य विभाग के अधिकारियों को ब्रज घाट पर निर्देश देते हुए कहा कि ब्रज घाट के सभी नाविकों एवं उनके परिवारजनों का प्रधानमंत्री मछुआ दुर्घटना बीमा योजना व के०सी०सी(किसान क्रेडिट कार्ड) मत्स्य पालक कल्याण के लिए बनाने का कैम्प लगवाकर जल्द से जल्द कार्य पूर्ण कर आख्या भेजने के आदेश दिये हैं।
श्री निषाद जी ने कहा तीर्थ नगरी गढ़ मुक्तेश्वर में माँ गंगा का आशीर्वाद हमेशा निषाद समाज को मिलता रहा है, ऐसे में रथ यात्रा का संवैधानिक रथ यात्रा का पड़ाव माँ गंगा के घाट पर हुआ है उन्हें पूर्ण विश्वास है कि माँ गंगा अपना आशीर्वाद देंगी और रथ यात्रा सफलतम अपने मुक़ाम को हासिल करेगी। उन्होंने कहा कि गढ़ मुक्तेश्वर और सभी तीर्थनगरी में निषाद समाज की भूमिका और समाज सेवा किसी से छिपी नहीं हैं, आज भी गंगा नदी में कोई हादसा होता है या कोई डूबने लगता है तो निषाद समाज का बेटा अपनी जान की रक्षा ना करते हुए, उस व्यक्ति को बिना जाति-धर्म जाने उसकी रक्षा करने लिए कूद पड़ता है, ऐसे में गंगा पुत्रों का योगदान कभी कोई नहीं चुका सकता है, प्रदेश सरकार गंगा पुत्रों की दशा-दिशा सुधारने का कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में मछुआ समाज की अनदेखी की हैं, पूर्ववर्ती कांग्रेस, समाजवादी पार्टी एवं बहुजन समाज पार्टी की सरकार में स्वजातिय लोगो को लाभ मिलता रहा है। आज भी अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जातीय पाइपलाइन में हैं और आज भी संवैधानिक अधिकारों से वंचित हैं। रथ यात्रा निकालने का उनका एक मात्र लक्ष्य है कि संविधान में सूचीबद्ध अन्य सभी पिछड़ी, अति पिछड़ी, अनुसूचित और अनुसूचित जनजाति को उनका संपूर्ण अधिकार मिले।
*जनगणना पर*
उन्होंने कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ है जल्द ही देश में जनगणना होने वाली है, मछुआ समाज से अपील करते हुए कहा कि केवट, मल्लाह, बिंद, कहार, धीवर, रायकवार, कश्यप, बाथम, तुरैहा, भर, राजभर समेत सभी अन्य 17 उपजातियों को अपनी गिनती संविधान में सूचीबद्ध अनुसूचितजाति मझवार और तुरैहा में करवाये। उन्होंने कहा कि 1961 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में 70 लाख मझवार की आबादी अंकित थी किंतु धीरे-धीरे वो गिनती बढ़ने की बजाय घटती चली गई और 2011 की जनगणना के अनुसार मझवार की आबादी 7 हज़ार रह गई है। *(नोट:- मझवार सेंसस मैन्युअल 1961 एपेंडिक्स फॉर उत्तरप्रदेश के अनुसार अनुसूचितजाति के क्रमांक 53 नंबर पर अंकित है)*
उन्होंने कहा कि आख़िर किस अधिकार के तहत पूर्ववर्ती सरकारों ने मझवार की संख्या को कम करने का कार्य किया है, आज विपक्ष में बैठे पूर्व के सत्ताधीश लोग जातीय जनगणना को लेकर घड़ियाली आंसू बहाते है उन्होंने कहा कि वो *राहुल गांधी, अखिलेश यादव और मायावती को चैलेंज देते है आये और मझवार व तुरैहा की आबादी की में हुए हेर-फेर व कम होने के मामले पर खुली बहस करें, आख़िर 1961 के अनुसार 70 लाख मझवार की आबादी थी तो 2011 की जनगणना के अनुसार मझवार की आबादी 7 हज़ार कैसे रह गई*, आख़िर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की बैसाखी पर चल रही 2011 में केंद्र की कांग्रेस सरकार ने कौन सी जनगणना करवाई थी कि आबादी कम हो गई। ऐसे में मछुआ समाज की सभी उपजातियों को मझवार और तुरैहा में गिनती करवाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से भी बात करेंगे ताकि स्पष्ट हो सके उत्तर प्रदेश में मछुआ समाज (मझवार और तुरैहा) की कितनी आबादी है और पूर्व की सरकारों द्वारा किए गये अत्याचार और भ्रष्टाचार को भी जगज़ाहिर किया जाये।
श्री निषाद जी स्पष्ट किया आगामी विधानसभा सत्र में निषाद पार्टी मछुआ आरक्षण के मुद्दे पर सदन में आवाज़ उठाएगी। कहा की संवैधानिक रथ यात्रा के माध्यम से मछुआ समाज को जोड़ने और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का काम किया जा रहा है, और प्रदेश के कश्यप, निषाद, केवट, बिंद, मल्लाह, कहार, धीवर, बाथम समेत अन्य 17 उपजातियों का अनुसूचितजाति का लाभ नहीं मिल जाने तक समाज को एकजुटता दिखानी होगी।
इस अवसर पर ई० प्रवीण निषाद जी, डॉ अमित निषाद, श्री रवींद्र मणि निषाद जी श्री व्यास मुनि निषाद, श्रीमती जनकन्दनी निषाद, श्रीमती गुंजा निषाद, श्री डीपी निषाद जी एवं अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

JMS World School Radhey Krishna Caters
Show More

Leave a Reply

Back to top button

You cannot copy content of this page