15 सितम्बर को देशभर के आयुर्वेद सर्जन हापुड में जुटेंगे, प्रोक्टोकॉन 3.0 होगा आयोजित

देशभर के आयुर्वेद सर्जन हापुड में जुटेंगे।
हापुड़ । 15 सितंबर 2024, रविवार को प्रकाश रिजेंसी , दिल्ली रोड हापुड में प्रोक्टोकॉन 3.0 आयोजित किया जा रहा है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से आयुर्वेद सर्जन एकत्रित होंगे।
कार्यक्रम के आयोजन सचिव डा धन्वंतरि त्यागी ने बताया कि इस कार्यक्रम को आयुर्वेद फेडरेशन आफ इंडिया, ऑल इंडिया क्षार सूत्र एसोसियेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है जिसे आयुर्वेदिक तथा यूनानी तिब्बी चिकित्सा पद्धति बोर्ड उत्तर प्रदेश सरकार का समर्थन भी प्राप्त है।
कार्यक्रम में सभी सर्जन अपने अपने अनुभवों से अवगत कराएंगे तथा गुजरात, हिमाचल, बरेली, बैंगलोर से आए वरिष्ठ सर्जन नई तकनीक के बारे में सभी को प्रशिक्षण देंगे।
होगा निशुल्क चिकित्सा शिविर सुबह 9 बजे से 11 बजे तक गुदा रोग जैसे बवासीर, भगंदर, फिशर से पीड़ित रोगियों की निशुल्क आयुर्वेदिक सर्जरी भी की जाएगी जिसमें भर्ती होने या बेड रेस्ट की कोई आवश्यकता नहीं होती। इच्छुक रोगी 12 सितंबर तक मोबाइल नंबर 7895253619 पर डा निखिल त्यागी को अपनी जानकारी दे दें।
पहली बार लगेगी सर्जरी संबंधित यंत्रों की प्रदर्शनी
कार्यक्रम के एक्सपो प्रभारी डा करुण शर्मा (सहप्रबंधक-वैद्य धनीराम शर्मा स्मृति औषधालय )ने बताया कि देश में पहली बार किसी कार्यक्रम में आयुर्वेद सर्जरी संबधित यंत्र, उपकरण, दवाइयों की प्रदर्शनी लगेगी जिसमें आयुर्वेद सर्जन एक ही स्थान पर सभी यंत्र, शस्त्र, दवाइयों के बारे में जानेंगे।
उत्तम सेवा करने वाले सर्जनों का होगा सम्मान
सह सचिव डा आशुतोष सिंह ने बताया कि कार्यक्रम में आयुर्वेद सर्जरी के क्षेत्र में उत्तम गुणवत्ता, नवीनतम तकनीक से कार्य करने वाले सर्जन सम्मानित किए जायेगें।
कार्यक्रम के उद्घाटन कर्ता डा एन एस त्यागी (पूर्व सदस्य सीसीआईएम आयुष मंत्रालय), डा अशोक राणा (क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी हापुड) संयुक्त रूप से करेंगे।
सम्मान कार्यक्रम डा प्रदीप दीक्षित सीनियर सर्जन और नगर पालिका अध्यक्ष सिकंदराबाद के कर कमलों से होगा।
तय करेंगे नई दिशा
आयुर्वेद सर्जरी अन्य तकनीकों की अपेक्षा कम खर्च, बहुत कम दुष्प्रभाव, तत्काल लाभकारी होने के साथ साथ रोग में स्थाई राहत देती है। यंत्र शस्त्र अग्नि क्षार के द्वारा आयुर्वेद में लगभग 125 रोगों की सर्जरी की जाती है तथा लगभग 4500 के करीब सर्जरी संबंधित शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। भारतीय जनता तक इन तथ्यों को पंहूचाने और आयुर्वेद सर्जरी लोकप्रिय करने संबंधित योजना तैयार की जाएगी।

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