हापुड़ (अमित मुन्ना)।
डॉ० ख़ालिद मुहम्मद खान प्रदेश उपाध्यक्ष व प्रवक्ता उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक, वसी अहमद रिज़वी प्रदेश उपाध्यक्ष व हुमायूँ बेग के नेतृत्व में हम मदरसों के साथ अभियान द्वारा सर्वे के विरोध में सभा का आयोजन दारुल उलूम देवबंद के बाहर किया। डॉ० ख़ालिद मुहम्मद खान. ने कहा की यूपी सरकार गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों की पहचान करने के लिए एक सर्वेक्षण शुरू करने के निर्देश एक सियासी साजिश है क्योंकि यह एक समुदाय को लक्षित करने का प्रयास है।
खान ने कहा कि 1 फरवरी 2021 के बजट भाषण मे निर्मला सीतारमण ने कहा कि पी एम श्री योजना के तहत 15000 से अधिक स्कूलों का कायाकल्प नई शिक्षा नीति द्वारा किया जायेगा। आज लगभग 18 माह बाद प्रधानमंत्री ने 5 सिंतबर शिक्षा दिवस के अवसर पर दुबारा घोषणा की और इस बार इस कि संख्या घट कर 14500.हो गई। अभी तक पूरे देश मे एक भी स्कूल अपडेट नही हुआ तो क्या मदरसों को अपडेट करने के बहाने सर्वे करना एक षडयंत्र नही। वसी अहमद रिज़वी ने कहा कि मदरसों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर सर्वे कराने के निर्देश के विरोध में देश भर में नाराजगी है सर्वे सरकारी दखल है जब सरकार सर्वे करने आएगी तो इनमें कई सारे ऐसे मदरसे हैं जिनके पास फंडिंग का कोई ट्रेल नहीं है। कई बार लोकल फंडिंग होती है, परिवार के लोग दे जाते हैं, जकात का हिस्सा मिलता है। वो हिसाब किताब कभी रखे जाते क्योंकि सरकार उसमें कोई अनुदान देती नहीं है। वो कयूंनिटी लेवल पर चलाते हैं। इसके अलावा कई जगहों पर जमीनें दान में मिली हैं तो वहां जमीनों का हिसाब किताब नहीं है। ऐसे में शक है कि सर्वे के नाम मदरसों को टारगेट करने की
कोशिश तो नहीं की जा रही है।प्रदेश महासचिव हुमायूँ बेग ने कहा कि सर्वे के दौरान गैर सरकारी मदरसों में मौजूद मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जाचने के बहाने नफरत का माहौल बनाना है। प्रदेश में मान्यता प्राप्त मदरसों का हाल भी बहुत बुरा है।एक एक कर अल्पसंख्यक संस्थाओं को टारगेट करना भाजपा का मक़सद है।
इस अवसर पर कांग्रेस शहर अध्यक्ष तंज़ीम सिद्दीकी, ऐजाज़ अहमद, बिलाल अहमद , हसन आतिफ, दानिश सैफी, सोनू पठान, उमर खालिद, चितवन शर्मा, परवीन शर्मा, ईशान खान, परवेज़ आलम आदि लोग उपस्थित थे।