सहकारी गन्ना समिति के लेखाकार पर पांच करोड़ के गबन का आरोप, 130 वाउचर लगाकर आठ खातों में किए रूपये ट्रान्सफर, डीएम ने बैठाई जांच

सहकारी गन्ना समिति के लेखाकार पर पांच करोड़ के गबन का आरोप, 130 वाउचर लगाकर आठ खातों में किए रूपये ट्रान्सफर, डीएम ने बैठाई जांच

, हापुड़।

जिलें की हापुड़ सहकारी गन्ना समिति के लेखाकार पर करीब 5 करोड रुपए के गबन करने का आरोप लगाया जा रहा है। आरोपी लेखाकार ने 130 वाउचर लगाकर आठ खातों में करीब पांच करोड़ रुपयें ट्रांसफर कर दिए। करोड़ों रुपए के गबन में सहकारी गन्ना समिति के सचिव और बैंक के कर्मचारियों की भूमिका को भी संदिग्ध माना जा रहा है और उनकी भूमिका को संदिग्ध मानते हुए मामले की डीएम ने जांच बैठा दी ‌।

सहकारी गन्ना समिति के चेयरमैन कुणाल चौधरी ने बताया कि समिति के लेखकार भारत कश्यप समिति में लेखा-जोखा करते थे। बैंक में ट्रांजैक्शन करते थे किसानों को जो पेमेंट होता था वही बैंक में वाउचर भेजा करते थे। वह जब 25 तारीख से समिति में नहीं आए तो हमें शक हुआ। किसानों की पेमेंट मिल से आई थी जो किसानों को नहीं पहुंच पाई। जब हमने बैंक में जानकारी की यह पेमेंट किसानों को क्यों नहीं हुई तो बैंक में बताया गया कि आपके खाते में बैलेंस कम है। हमें जानकारी थी कि हमारे खाते में पर्याप्त बैलेंस है। जब इसकी जांच कराई गई और बैंक में जाकर देखा तो लेखाकार भारत कश्यप ने फर्जी वाउचर लगाकर काफी ट्रांजैक्शन अपने खातों में कर रखी थी। यह लगभग 5 करोड रुपए का घोटाला है। यह समिति का पैसा है। इस मामले में जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया है की जो भी आरोपी होंगे। उन पर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इस मामले में जांच कमेटी बना दी गई है।

घोटाले की सुगबुगाहट होती देख 25 अप्रैल से ही लिपिक ने कार्यालय आना बंद कर दिया। उसका फोन भी बंद हैं। लिपिक की गुमशुदगी देहात थाने में दर्ज कराई है।

मामले में डीएम अभिषेक पांडे ने बताया कि सहकारी गन्ना समिति में एक बाबू जिनके पास लेखाकार का भी अतिरिक्त चार्ज था। इनके द्वारा वित्तीय अनियमितता की बात सामने आई है। इनके द्वारा समिति के खातों से पैसों को अपने रिश्तेदारों के खातों में डलवाया गया। प्रथम दृष्टता इसमें लेखाकार भारत कश्यप द्वारा अपने रिश्तेदारों को गन्ना सहकारी समिति का पैसा आईडीबीआई बैंक से ट्रांसफर करना पाया गया है। अभी तक गणना के हिसाब से 3 से 4 करोड रुपए का गबन सामने आया है। इसमें समिति के सचिव और अन्य कर्मचारी और बैंक के कर्मचारी की भूमिका बेहद संदिग्ध है।

उन्होंने बताया कि जांच के बाद सहकारी समिति के कर्मचारी या बैंक के कर्मचारी या फिर अन्य कोई भी सरकारी कर्मचारी जिनके द्वारा भारत कश्यप को पैसे गबन करने में सहयोग किया गया है या फिर आरोपी के रिश्तेदार जिनके खातों में पैसा गया है उन सब के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही सचिन और अन्य कर्मचारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। पैसे गबन करने के लिए कार्रवाई करने के बाद सरकारी पैसे की रिकवरी के लिए रिकवरी सर्टिफिकेट भी जारी किया जा रहा है।

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