समस्याओं व चुनौतियों पर चिंतन व मंथन को लेकर 7 अक्टूबर को जनपद में आयोजित होगी कार्यशाला -श्वेता त्यागी
हापुड़ (अमित अग्रवाल )।
इंडिया वाटर फाउंडेशन, नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन विभाग द्वारा शुरू किये गए कार्यक्रम स्वास्थ्य एवं जोखिम संचार कम्युनिकेशन कार्यक्रम के तहत समस्याओं व चुनौतियों पर चिंतन व मंथन को लेकर 7 अक्टूबर को जनपद में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया हैं। इंडिया वाटर फाउंडेशन की
चीफ फंक्शनरी श्वेता त्यागी ने बताया कि यह स्वास्थ्य के संबंध में जमीनी स्तर पर बेहतरी और प्रतिक्रिया को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई एक व्यापक विज्ञान और स्वास्थ्य संचार पहल है इसका उद्देश्य केंद्रीय सर्कार द्वारा बनाई गयी नीतियाँ व कार्यक्रम और जनपदों में उनको कार्यान्वित करने में आने वाली समस्याओं व चुनातियों पर चिंतन व मंथन के द्वारा उनकी पहचान करना है।
उन्होंने बताया कि ये मुख्यतः सामाजिक, आर्थिक व जल और पर्यावरण से सम्बंधित नीतियाँ व कार्यक्रम होंगे इसलिए आवश्यक है की जनपद की सभी विधाओं के अधिकारी, क्षेत्र अधकारी, लाभार्थी इस हितधारक संवाद का हिस्सा बने व लाभान्वित हो। इस पहल का उद्देश्य सार्वजनिक सहभागिता को प्रोत्साहित करना और अंतर विभागीय संवाद को एक मंच पर लाना व आपसी समझ से एक दूसरे की मुश्किलें समझना व चुनौतियों के समाधान निकलना है।
उन्होंने बताया कि इसके द्वारा, सरकारें जानकारी से संबंधित निर्णय ले सकेंगी और समस्याओं का बेहतर प्रबंधन कर पाएगी। YASH कार्यक्रम जोखिम और इससे संबंधित चुनौतियों, समाधानों और इस परिस्थिति से जूझने वाले लोगों में साहस एवं आत्मविश्वास पैदा करने के साथ ही लक्षित समूहों के बीच व्यवहार में परिवर्तन लाएगा।
उन्होंने बताया कि दो हितधारक संवाद का भी आयोजन किया जायेगा। प्रथम संवाद दिनांक 7/10/1022 को विकास भवन, हापुड़ में किया जायेगा। इसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी मेघा रूपम ,सीडीओ प्रेरणा सिंह की उपस्थिति में करेंगी। संवाद में इंडिया वाटर फाउंडेशन के अध्यक्ष व वर्ल्ड वाटर कॉउन्सिल के गवर्नर डॉ अरविन्द कुमार स्वयं उपस्थित होंगे। इंडिया वाटर फाउंडेशन के विभिन्न विशेषज्ञ डॉ. एस के शर्मा भूतपूर्व सदस्य सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड, डॉ. डी के त्यागी भूतपूर्व पी सी सी ऍफ़ महाराष्ट्र व डॉ. सुरेश नयन चिकित्सक भी उपस्थित होंगे। इंडिया वाटर फाउन्डेशन एक गैर लाभकारी सिविल सोसाइटी है जो एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जल तथा पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में वृद्धित लोक जागरूकता उत्पन्न करने में रत है और इन मुद्दों में मानव जीवन में जल तथा पर्यावरण द्वारा अदा की जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका, स्वास्थ्य, आर्थिक वृद्धि तथा लोगों की आजीविका पर उनके प्रभाव शामिल है। चूंकि जल, विद्युत उत्पादन और भोजन उत्पादन का एक प्रमुख घटक है। इंडिया वाटर फाउन्डेशन पर्यावरणीय सुरक्षा, जल सुरक्षा, ऊर्जा सुरक्षा तथा खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करने में रत है ।
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