युवती का अपहरण व रेप कर परिजनों से 10 लाख की फिरौती मांगनें के दो दोषियों को कोर्ट ने सुनाई 20-20 साल की सज़ा व जुर्माना

हापुड़। 2011 में थाना कोतवाली नगर इलाके में मंदिर जा रही युवती संदिग्ध दशा में गायब हो गई, जिसकी जानकारी तब मिली जब अपहृत युवती के घर एक लैटर मिला जिसपर दस लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। युवती के पिता की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज करते हुए पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया था। अपहरणके बाद रेप का मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश त्वरित न्यायालय प्रथम ने दो के खिलाफ दोश सिद्ध होने पर 20-20 साल की सज़ा तथा 55-55 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

सहायक शासकीय अधिवक्ता मुकेश त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश त्वरित न्यायालय प्रथम रीमा बंसल की कोर्ट में युवती के अपहरण के बाद रेप
के केस की सुनवाई करते हुए सजा सुनाई है। मुकेश त्यागी ने बताया कि 28 मई 2011 को थाना नगर इलाके से एक युवती के अपहरण के बाद रेप का मामला कुछ लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था।

30 मई 2011 की सुबह पीड़ित को घर के मुख्य द्वार पर एक पत्र पड़ा मिला था। जिसमें पुत्री के अपहरण कर दस लाख रुपये की फिरौती मांगने की बात लिखी थी। छानबीनमें पता चला कि घटना को हापुड़ के मोहल्ला गांधी विहार के फरमान, नदीम, तहजीब और जिला मुरादाबाद के मोहल्ला लाल बाग के सुहैब ने अंजाम दिया है।

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