यातायात माह में बदहाली के लिए आंसू बहा रही ट्रैफिक लाइटें


-एचपीडीए व पुलिस विभाग ने लाखों खर्च कर लगवाई थी,कबाड में तब्दील
हापुड़।

प्रत्येक वर्ष सडक़ सुरक्षा माह शुरू होता हैं,और समाप्त हो जाता है।
लेकिन जनता को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए हापुड़ पिलखुवा विकास
प्राधिकरण व पुलिस विभाग द्वारा मुख्य चौराहों पर लाखों खर्च कर खंभों पर
लगवाई गई,जो वर्तमान में टूटकर सडक़ों पर आ गयी है। ट्रैफिक लाइटों का सही
नहीं होना शहर में जाम लगने का मुख्य कारण माना जाता है। इन लाइटों पर
किसी अधिकारी की नजरें नहीं पहुंची हैं। यातायात माह में भी ट्रैफिक
लाइटें अपनी बदहाली के लिए आंसू बहा रही है।
              जनपद में एक से 30 नवंबर तक यातायात एवं सडक़ सुरक्षा माह
चलाया जा रहा हैं। जिसमें ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन चालकों को यातायात
के नियमों के बारे में जानकारी देने के बाद वाहन चालकों को नियमों का
पालन करने के लिए कैंप लगाकर जागरूक किया जा रहा है। इन नियमों का पालन
नहीं करने पर वाहन चालकों के वाहनों के चालान भी काटे जा रहे है। लेकिन
नगर में तो वाहन चालक यातायात के नियमों को पालन कैसे करें,जब नगर में
लगी ट्रैफिक लाइटें ही खराब पड़ी है।
         नगर के मुख्य चौराहा मेरठ तिराहा,तहसील व पक्का बाग चौराहा पर
एक दशक पूर्व लाखों रुपये खर्च हापुड़ पिलखुवा विकास प्राधिकरण ने
ट्रैफिक लाइटें लगवाई थी। लेकिन कुछ माह चलने के बाद ये लाइटें खराब हो
गयी। लाइटों के कबाड़ तब्दील होने पर प्रदेश सरकार लाखों रुपये का नुकसान
हो गया है।
    पुलिस विभाग द्वारा लाखों खर्च कर चौराहों पर ट्रैफिक लाइटें लगवाई
थी। इन लाइटों ने शुरू होने से पहले ही दम तोड़ दिया। वर्तमान में
ट्रैफिक लाइटें टूटकर सडक़ों पर पहुंच गयी है,कुछ खंभों से गायब हो गयी
है। अब इस स्थिति में वाहन चालक यातायात के नियमों का पालन कैसे करें? इन
लाइटों का सही नहीं होना शहर में जाम लगने का मुख्य कारण माना जा रहा है।

Exit mobile version