नए बदलते भारत में बदल लो अपनी सोच, बेटियां बनती हैं सहारा नहीं होती हैं बोझ – डॉ सपना बंसल


गाजियाबाद(अमित अग्रवाल / राहुल बंसल)।
अंतरराष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन के प्रकल्प बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की मीटिंग आज डॉ सपना बंसल के निवास स्थान इंदिरापुरम अभय खंड गाजियाबाद पर हुई। मीटिंग का शुभारंभ अग्रसेन जी की वंदना और माल्यार्पण से हुआ। इस मीटिंग में रुचि गर्ग, हर्षिता गुप्ता, कुमुद, हेमा, रुचि बंसल, पूनम, सुलोचना धनवत, आलोक चौधरी, रमाकांत अग्रवाल, लक्ष्मी सिंघानिया, माधुरी गोयल, विजया डालमिया, कविता अग्रवाल आदि बहनों ने भाग लिया जिसमें कि पूनम अग्रवाल जी नागपुर से, उमा बंसल जी रिचीजी ,रुचि जी ,कुमुद जी किशोर कुमार जी ,सुलोचना जी , महिलाओं ने भाग लिया। इसमें यह चर्चा की गई कि आखिर बेटियों को समाज में बोझ समझा क्यों जाता है ?? बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की राष्ट्रीय संयोजक डॉ सपना बंसल ने कहा इसमें दो पहलू निकल कर सामने आए कि एक तो बेटियां बोझ होती है क्योंकि उनका खुद की कोई आर्थिक सुरक्षा उनके पास नहीं होती है वह जिंदगी भर दूसरे के ऊपर निर्भर रहती हैं और दूसरा पहलू यह सामने आया कि वह शारीरिक रूप से बहुत कमजोर होती हैं तो इसमें हमको दो बातों पर ध्यान देना है एक लड़की चाहे वह किसी भी वर्ग की हो,निम्न वर्गीय, मध्यमवर्गीय और उच्च वर्ग की उसको, हमें आर्थिक रूप से आत्म निर्भर और मजबूत बनाना है और दूसरा उसको आत्मरक्षा के लिए तैयार करना है ताकि वह खुद अपनी रक्षा कर सकें और उसको किसी के ऊपर भी निर्भर ना होना पड़े। अंशु अग्रवाल ने इस समस्या को खत्म करने के लिए सकारात्मक काम करने की बात कही और सपना बंसल ने कहा कि वह इस समस्या को खत्म करने के लिए हर संभव मदद के लिए तैयार हैं। पूजा गर्ग महासचिव अंतर्राष्ट्रीय अग्रवाल सम्मेलन जोकि दिल्ली से मीटिंग में उपस्थित हुए उन्होंने अपने विचार रखते हुए कहा कि समाज में देश को आगे बढ़ाना है तो बेटियों को सफल बनाना आज समय की मांग है इस प्रकार बहुत समन्वय और सद्भाव के माहौल मे यह मीटिंग संपन्न हुई।

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