दिव्यांग राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य भागीरथ शर्मा ने पूर्व पीएम डॉक्टर मनमोहन सिंह को दिल्ली जाकर दी श्रद्धांजलि
हापुड़। दिव्यांग राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य भागीरथ शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉक्टर मनमोहन सिंह को उनके निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा हैं कि देश ने एक महान सपूत को खो दिया। जिसकी भरपाई भविष्य में कभी पूरी नहीं हो सकती। उनके विषय में उनकी अच्छाई व अच्छे कार्यों की जितनी तारीफ की जाए, वह भी कम है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री का जन्म डॉ मनमोहन सिंह गांव गाह जिला चकवाल पंजाब प्रान्त पाकिस्तान में 26 सितंबर ‘1932 को हुआ था और 26 दिसंबर 2024को गोलोकधाम श्रीहरि के श्रीचरणों में वीलीन हों गए। उनकी माता का नाम अमृत सिंह कौर और पिता का नाम गुरुमुख सिंह था। उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण सिंह कौर जी है और उनके कोई बेटा नहीं है। उनकी तीन बेटियां हैं। बड़ी बेटी उपिंदर सिंह कौर और छोटी बेटियां दमन सिंह कौर व अमृत सिंह कौर है। भगीरथ शर्मा ने कहा हैं कि डॉक्टर मनमोहन सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल अपने गांव में ही की थी। जब उनके पिता को मार दिया गया तों फिर वह भारत आ गए। उसके बाद उनकी सारी पढ़ाई लिखाई पंजाब यूनिवर्सिटी से लेकर कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हुई। डॉक्टर मनमोहन सिंह ऐसे महानायक और महान आत्मा थे। जिसके बाद देश में दूसरा व्यक्ति कोई नहीं हो सका। वे देश के गवर्नर रहे। उसके बाद 1990 में कांग्रेस ज्वाइन की और 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार में वित्त मंत्री रहे और 2004 से लेकर 2014 तक लगातार 10 वर्षों तक देश के प्रधानमंत्री रहे। जिस कारण देश की इकोनॉमी जीडीपी मजबूत हुई। देश ने तरक्की की ,रोजगार की भरमार आई और वे 6 बार राज्य सभा के सांसद भी रहे। उन्होंने कहा हैं कि ऐसी महान आत्मा के अन्तिम दर्शन करने के लिए हापुड़ से दिव्यांग जनों की तरफ से दिल्ली कांग्रेस कार्यालय पर पहुंचकर उनके दर्शन किए। भगीरथ शर्मा ने कह हैं कि डॉक्टर मनमोहन सिंह ने दिव्यांग जनों के लिए बहुत काम किया था। जो दिव्यांग विधेयक 2016 पास किया गया था वह उन्हीं की देन है। सबसे पहले सन 2012 में उन्होंने ही इस दिव्यांग विधेयक को बनाकर तैयार किया था। विपक्ष के विरोध के बाद वह विधेयक सेलेक्ट कमेटी को चला गया। उसके बाद जब भाजपा सरकार 2016 में विधेयक को लेकर आई तो वह मनमोहन सिंह ही थे जिन्होंने कहा था कि आप जैसा चाहे इसे लागू करिए। मगर हम कोई विरोधावास नहीं करेंगे। ऐसे महामानव प्रधानमंत्री के रूप में हमें मिले। भगीरथ शर्मा ने कहा हैं कि डॉक्टर मनमोहन सिंह जी के निधन से हम सब दिव्यांग जनों को गहरा आघात हुआ हैं।