हापुड़(अमित अग्रवाल मुन्ना)।
अधिवक्ता परिषद, जिला इकाई हापुड द्वारा स्वाधीनता का अमृत महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन हापुड कोर्ट परिसर मे किया गया।
मुख्य वक्ता नानक चंद जिला समन्वयक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व मेरठ विभाग प्रमुख सेवा भारती, मुख्य अतिथि वी डी शर्मा व संरक्षक राजकुमार त्यागी रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता चरण सिंह त्यागी अध्यक्ष हापुड जिला इकाई ने की। कार्यक्रम का संचालन सचिन गुप्ता एडवोकेट, जिला महामंत्री, जिला इकाई हापुड ने किया।
मुख्य वक्ता नानक चंद शर्मा ने कहा कि भारत देश मे अधिकांशतः शिक्षित व्यक्ति है जो देश के लिए अपना सर्वस्व देने को सदैव तैयार हैं, स्वाधीनता से पूर्व मे विदेशी आक्रमणकारियों ने देश को तोड़ने का भरसक प्रयास किया परन्तु भारत देश के लोगो ने उनके मंसूबो पर पानी फेर दिया। भारत देश को स्वतंत्र कराने मे सेकड़ो बलिदानियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया व अपने देश की संस्कृति को बचाये रखा, परन्तु आज हम पाश्चात्य संस्कृति के मकड़जाल मे फंसते जा रहे हैं जो बहुत दुःखद है, हम वसुधैव कुटुम्बकम् पर विश्वास करते हैं जो सनातन धर्म का मूल संस्कार तथा विचारधारा है, हमे पाश्चात्य संस्कृति से पूर्णतः दूर रहना होगा व इस संबंध मे समाज मे संदेश भी देना होगा, समाज मे जागृति पैदा करनी होगी, अखंड भारत के सपने को पूरा करना होगा।
उन्होंने कहा कि हमे अपने समाज घर परिवार मे समय देकर अपनी संस्कृति को बनाये रखना होगा तभी हम अखण्ड भारत के अपने सपने को पूरा कर सकेंगे, किंतु यह स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मनाने का सौभाग्य हमें ऐसे ही प्राप्त नही हुआ है, इस स्वाधीनता के लिए हमने बहुत कीमत चुकाई है एवं हमें बहुत सी मुसीबतों एवं चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने कहा कि 1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को ‘सत्याग्रह’ की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का “पूर्ण स्वराज्य” का आह्वान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का “दिल्ली मार्च”, “दिल्ली चलो” का नारा कौन भूल सकता है।
यानी-स्वाधीनता की ऊर्जा का अमृत। स्वाधीनता का अमृत महोत्सव यानी स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत, नए विचारों का अमृत, नए संकल्पों का अमृत, आत्मनिर्भरता का अमृत है।
इस अवसर पर अंकुल, नगर प्रचारक आरएसएस, शंकर सैनी, सत्यपाल तोमर, विनीता त्यागी, देवेंद्र खरे, सुधीर त्यागी, भोपाल सिंह, अंकुर त्यागी, राजू चौधरी, राजेन्द्र सैनी, आज़ादवीर त्यागी, नरेश चंद शर्मा, मुकेश त्यागी, बलराम तोमर सहित देवतुल्य अधिवक्ता उपस्थित रहे।