हापुड़ । जनपद के राजकीय व अशासकीय विद्यालयों के विज्ञान अध्यापकों के बीच ब्लॉक स्तरीय एक दिवसीय वैज्ञानिक कार्यक्रम के तहत आर्य कन्या पाठशाला इण्टर कॉलेज हापुड़ में नई शिक्षा नीति 2020 के अन्तर्गत जनपद के राजकीय व अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में विज्ञान शिक्षण कार्य के उन्मुखीकरण एवं उनमें विभागीय अपेक्षाओं के अनुरूप गतिशीलता प्रदान करने के लिए ब्लॉक हापुड़ के विज्ञान शिक्षकों के मध्य “विज्ञान संगोष्ठी संग टीएलएम कार्यशाला” का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्या डॉ स्नेहप्रभा और संचालन भौतिकी प्रवक्ता प्रतिभा सिंह और हिन्दी प्रवक्ता रानी सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया।
कार्यक्रम में जनपद के विज्ञान एसआरजी एवं भौतिकी प्रवक्ता डॉ अजय कुमार मित्तल और रसायन प्रवक्ता डॉ संजीव कुमार ने सभी के बीच विभागीय दिशा निर्देशों को साझा किया।
संगोष्ठी में एसआरजी डॉ अजय मित्तल ने सभी अध्यापकों से शैक्षिक पंचांग तथा समय सारणी के अनुसार कक्षा में आवश्यक टीएलएम के माध्यम से विज्ञान मोड्यूल के अनुसार विद्यार्थी को केंद्र मानकर शिक्षण कार्य करने, कमजोर बच्चों के लिए उपचारात्मक शिक्षण कार्य की व्यवस्था करने, बच्चों की प्रयोगशालाओं में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने तथा उनके बीच विषय को रोचक बनाने के लिए नवाचारों के साथ प्रयास करने के लिए कहा।
एसआरजी डॉ संजीव कुमार ने सभी शिक्षकों से स्वयं के साथ बच्चों को विभाग द्वारा तैयार शिक्षण-अधिगम में सहायक डिजिटल प्लेट फॉर्म के रूप में “दीक्षा” एप और “स्विफ्ट चैट” ऐप का तथा बच्चों के कैरियर समाधान के लिए “पंख” ऐप का प्रयोग करने के लिये प्रेरित करने के बारे में बताया। उन्होंने सभी से अपनी हाईस्कूल प्रयोगशाला को उपकरणों से सुसज्जित कर सक्रिय करने का आह्वान किया।
टीएलएम कार्यशाला में एसआरजी डॉ अजय मित्तल ने इधर उधर पड़े बेकार के सामान से छोटे छोटे सैद्धांतिक प्रयोग करके दर्शाते हुए तरह तरह के टीएलएम का प्रदर्शन किया। उपस्थित सभी अध्यापकों ने भी भौतिकी, रसायन और जीव विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित अपने अपने टीएलएम का प्रदर्शन किया और शिक्षण के समय अपनाए जा रहे अपने नवाचारों को एक दूसरे से साझा किया।
इस अवसर पर एसआरजी और प्रधानाचार्य ने मिलकर विद्यालय में “आइंस्टीन विज्ञान क्लब” की स्थापना करते हुए विद्यालय की भौतिकी प्रवक्ता प्रतिभा सिंह को उसका संयोजक नियुक्त किया। इस क्लब के माध्यम से बच्चों के बीच बच्चों के ही द्वारा समय समय पर बच्चों के बीच वैज्ञानिक गतिविधियाँ आयोजित की जायेंगी।
संगोष्ठी में अध्यापकों ने नई शिक्षा नीति के अनुरूप विज्ञान शिक्षण कार्य को बच्चों के हित में और अधिक रोचक और सहज बनाने में भरसक सहयोग का आश्वासन दिया। इसके साथ ही सभी ने मिलकर ISRO के वैज्ञानिकों को चन्द्रयान-३ की सफलता की बधाई और नये मिशन “सूर्ययान- आदित्य L1” के लिए शुभकामनाएँ दी।
कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रधानाचार्या डॉ स्नेहप्रभा, अर्चना गौतम, आशा रानी, नाजनीन, प्रीति, रेणुका, ऐश जैन का विशेष सहयोग रहा।