नई दिल्ली: हमेशा फिट और स्वस्थ्य रहने के लिए सही डाइट लेना बेहद जरूरी है. आयुर्वेद में जड़ी-बूटी का विशेष महत्व है. ऐसी कई जड़ी बूटियां हैं, जो आपको न सिर्फ स्वस्थ्य रखती हैं, बल्कि ताकतवर भी बनाती हैं.
जाने माने आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी ने जी न्यूज से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सकों से लोग पूछते हैं कि कौन आयुर्वेद दवा या फिर जड़ी बूटी स्वास्थ्य के लिए बेहतर होती हैं ? इसको लेकर डॉक्टर अबरार मुल्तानी ने हफ्ते के 7 दिनों के लिए 7 जड़ी बूटियों के बारे में बताया है, जो सेहत के लिए बेहद लाभकारी हैं.
सोमवार को ‘हल्दी’
- आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, हल्दी को आयुर्वेद में निशा और हरिद्रा कहते हैं.
- यह एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है, जो अनगिनत रोगों का शानदार इलाज है.
- मसालों और उबटनों में यह विशेष प्रयोग की जाती है. यह त्वचा, लिवर, रक्त से जुड़ी समस्याओं को होने से यह रोकती है.
- शरीर में अर्बुद (ट्यूमर) बनने से भी यह रोकती है. करक्यूमिन नामक एल्कलॉइड हल्दी का सबसे प्रभावी औषधीय तत्व है.
- यह हमें अस्थमा, साइनोसाइटिस और खांसी से बचाती है.
- एजिंग की समस्या जैसे त्वचा का लटकना, रिंकल्स और पिगमेंटेशन को भी यह खत्म करती है.
- यह शरीर की इम्युनिटी बढ़ाने के साथ मेटाबॉलिज्म को ठीक करने का काम करती है और शरीर में जमा फैट्स को कम करती है.
मंगलवार को पुनर्नवा
- इस जड़ी बूटी का नाम ही इसका महत्व बताता है कि यह औषधि शरीर को फिर से नया कर देती है.
- किडनी के रोगों की यह बेजोड़ दवाई है.
- पथरी को निकालने में यह बहुत मददगार है.
- लिवर के सभी रोगों में बेहद असरकारक है.
- एनीमिया में भी यह बहुत असरकारी है.
बुधवार को दालचीनी
- आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, दालचीनी जुकाम तथा गले की खराश दूर करती है.
- जोड़ों का दर्द इससे ठीक होता है
- ब्लड प्यूरिफिकेशन करने के कारण यह त्वचा के रोगों में बहुत फायदेमंद है, विशेषकर पिम्पल्स में
- अपच, खट्टी डकारें, एसिडिटी और गैस जैसी पेट की समस्या से आराम दिलाती है
- यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है, इसलिए मोटे लोगों को इसका प्रयोग ज़रूर करना चाहिए
- यह कोलेस्ट्रॉल को कम करती है और ब्लॉकेज को हटाती है.
- यह दिल के मरीजों के लिए लाभदायक है और आम लोगों को दिल की बीमारियों से बचाती है
गुरुवार को अश्वगंधा
- आयुर्वेद डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, अश्वगंधा एंटीओक्सीडेंट का एक अच्छा श्रोत है.
- अश्वगंधा थायराइड ग्रंथि के कार्यों को नियमित करती है, इसलिए यह थायराइड की समस्या से बचाती है
- इसमें एंटी-स्ट्रेस तत्व भी होते हैं, जो तनावमुक्त करने में मदद करते हैं
- अश्वगंधा कॉर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन के उत्पादन को कम कर करता है जिससे महिलाओं में एजिंग की समस्या कम हो जाती है
- इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-माइक्रोबियल गुण होता हैं, जो शरीर मे होने वाले इंफेक्शन को कम करता है.
- अश्वगंधा महिलाओं में हॉर्मोंन्स के सिक्रिशन को रेगुलेट करता है
शुक्रवार को गुडूची
- डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, आयुर्वेद के ग्रंथों में इसे अमृता कहा गया है, क्योंकि यह शरीर के लिए अमृत के समान है
- इससे इम्यूनिटी सिस्टम में सुधार आता है और शरीर में अतिआवश्यक सफेद सेल्स की कार्य करने की क्षमता बढ़ती है
- यह शरीर के भीतर सफाई करके लीवर और किडनी के कार्य को सुचारु बनाटी है
- यह ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाता है जिससे यह डेंगू से बचाने में बहुत कारगर है
- गिलोय एक एडाप्टोजेनिक हर्ब है, जो मानसिक दवाब और चिंता को दूर करने के लिए उपयोगी है
- यह ब्लड में यूरिक एसिड को बढ़ने नहीं देती, इसलिए गाउट में बहुत लाभकारी है.
शनिवार को तुलसी
- धार्मिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है
- सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है
- यह भी एक बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट है, इसलिए बुढ़ापे से रक्षा करती है
- यह ब्लड के पीएच को एसिडिक नहीं होने देती, जिससे ब्लॉकेज नहीं बनते, ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है.
- तुलसी शरीर में ट्यूमर को बनने से रोकती है, इसलिए कैंसर से बचाव करती है
- एंटीमाइक्रोबियल, एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होने के कारण यह शरीर की इंफेक्शन से रक्षा करती है
रविवार को ब्राह्मी
- यह डिप्रेशन से लड़ने में मदद करती है। इसके सेवन से मस्तिष्क में सेरोटोनिन का लेवल बढ़ता है जिससे हमारे मन को शांति मिलती है।
- यह घबराहट, चिंता और स्ट्रेस से भी राहत प्रदान करती है और ब्लड प्रेशर को संतुलित रखती है
- इसमें ब्राह्मीन एल्केलाइड मौजूद होता है, जो हृदय के लिए फायदेमंद होता है
- यदि ब्राह्मी का नियमित रुप से सेवन किया जाए तो हृदय से जुड़ी बीमारी से बचा जा सकता है
कैसे करें सेवन
डॉक्टर अबरार मुल्तानी के अनुसार, इन 7 जड़ी बूटियों का चूर्ण बनाकर आप रख सकते हैं या इसके रेडीमेड पाउडर आयुर्वेद की शॉप पर मिल जाएंगे. कई कंपनियां इन जड़ी बूटियों के कैप्सूल और टैबलेट बनाती हैं, जिन्हें मेडिकल स्टोर से आप ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि खाली पेट आप आधा चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं, जबकि टैबलेट और कैप्सूल जो कि 500 एमजी के होते हैं, उन्हें रोज एक खा सकते हैं.
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