भूमाफियाओं ने लाखों कीमत की जमीन का करा दिया फर्जी बैनामा
-गेट नंबर-73 के दयाल इन्केलेव में हुआ है खेला
पीडित महिला ने की कोतवाली सदर में शिकायत
हापुड़- शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में भूमाफियाओं की दबंगई के सामने सारा सिस्टम पूरी तरह से नतमस्तक है। ये भूमि पर अवैध कब्जा करने के साथ-साथ फर्जी बैनामा तक करा रहे हैं। भूमाफियाओं की कारगुजारी पता चलने के बाद एक महिला ने कोतवाली सदर में शिकायती पत्र देकर कहा है कि कुछ लोगों ने उसे अन्य नाम की महिला बनाकर लाखों रुपए की जमीन का फर्जी बैनामा करा दिया है जबकि उसके नाम पर कोई भूमि नहीं है। उन्होंने यह खेला गेट नंबर 73 के पास स्थित दयाल इन्केलेव में किया है।
मोदीनगर रोड़ स्थित ग्राम जसरूपनगर निवासी पीड़ित महिला बबीता ने कोतवाली सदर में दिये शिकायती पत्र में कहा है कि वह गांव की सीधी सादी कम पढ़ी लिखी महिला है। उसके पास जान पहचान के सुरेन्द्र सिंह पुत्र धर्मवीर ग्राम अकडौली जनपद हापुड़, अमरजीत पुत्र प्रेमपाल गांव पीरनगर सूदना, हापुड़ तथा सुरेन्द्र पुत्र महेन्द्रपाल निवासी ततारपुर थाना हापुड़ देहात आए। उन्होंने उससे कहा कि हम एक बैनामा करा रहे हैं तुम्हें उसमें गवाह बनना है। जिस भूमि का बैनामा हो रहा है उसमें एक नीलम नाम की महिला भी उनके साथ है। तुम्हें गवाही में नीलम बनकर अपने हस्ताक्षर करने हैं। बबीता ने बताया कि उसने आज तक कोई बैनामा नहीं किया है और न ही जमीन बेचने बारे में कोई जानकारी थी। वह उनकी बातों में आ गई। उसके कहने पर उन्होंने कागजातों पर बबीता के बजाए नीलम के नाम पर हस्ताक्षर कर दिये। बाद में नीलम पत्नी सतीश के माध्यम से पता चला कि सुरेन्द्र पुत्र धर्मवीर, अमरजीत पुत्र ऋषिपाल तथा सुरेन्द्र सिंह ने 6 अप्रैल 2021 को गेट नंबर 73 के पास स्थित दयाल इन्केलेव फर्जी तरीके से नीलम की भूमि का बैनामा करा दिया है। उक्त बैनामें में कुछ फर्जी चेकों का हवाला दिया गया है। इस मामले में उसका नाम न घसीटा जाए इसलिए उक्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि उसका इस मामले से कोई लेनदेन नहीं है।
गौरतलब है कि हापुड़ जनपद के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में भूमाफिया अधिक संख्या में सक्रिय है। जो फर्जी बैनामे के साथ-साथ अवैध कालोनी काटने तथा अन्य तरीके से भूमि कब्जाने का काम कर रहे है। उनके दबंगई के सामने जनपद का पूरा सिस्टम नतमस्तक है। इनकी कारगुजारियों की शिकायतें तो आए दिन आती हैं लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई नाम मात्र को होती है।
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