पांच सौ बाद भरत को रघुवर आज मिले हैं__प्रो.वागीश दिनकर

हापुड़।
अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य भारती जनपद हापुड़ की स्वर्ग आश्रम रोड स्थित हापुड स्थित टैगोर पब्लिक इंटर कॉलेज में राममय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षताराम लला प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से लौटे प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर वागीश दिनकर ने की।संचालन जिला अध्यक्ष दिनेश त्यागी व आयोजन कोषाध्यक्ष श्रीमती मनीषा गुप्ता मनु ने किया।
अध्यक्षता करते हुए प्रोफेसर वागीश दिनकर ने पढ़ा नव भव्य भावों के मुकुलित शतदल यहां खिले हैं। वर्ष पांच सौ बाद भरत को रघुवर आज मिले हैं।।
जिलाध्यक्ष दिनेश त्यागी ने पढ़ा बहुत सहे है टेंट में,जाडा वर्षा घाम। युग परिवर्तन के लिए ,लौट आए प्रभु राम।।
वरिष्ठ कवि एवं श्री राम आसरे गोयल ने पढ़ा शबरी की तरह व्याकुल थी जन-जन की अभिलाषा। हो नगरी अयोध्या जैसी मन मंदिर की रख आशा।।वरिष्ठ कवि श्री विजय वत्स ने पढ़ा राम जी विनती करो स्वीकार दया निधि दर्शन दे दो मोहे। कवि मोहित शौर्य ने पड़ा जिस पर सदियां नाज करेगी वह अद्भुत किरदार हो तुम। भारत माता के शेरों इस दुनिया के सरदार हो तुम। वरिष्ठ कवि रामवीर आकाश ने पढा आंसुओं से अगर नैन भर जाएंगे, नाव कागज की लेकर कहां जाएंगे ।राम के नाम की पतवार लेकर, भवसागर से हम भी तर जाएंगे।। कवि ओमपाल सिंह विकट ने पढा मंचों पर है जुमले बाजी कविता रुठी लगती है।दिनकर और निराला की परिपाटी झूठी लगती है।। वरिष्ठ कवि गंगा शरण शर्मा ने पढ़ा रामलाल महलों में आए भारी खुशी मनाई है। कवित्री मनीषा गुप्ता मनु ने पढ़ा भटक रहा है इंसान का किरदार आजकल ।मर चुकी आत्मा कर रही खबरदार आजकल।। कवि महेश वर्मा ने पढ़ा हर घर की मर्यादा बेटी, प्यारा सा एक वादा बेटी।रिश्ते सारे बेशकीमती,उनसे थोड़ा ज्यादा बेटी।।सौरभ राणा ने पढ़ा अब औलादे जन्मती है तो हिस्सा बांटने को बस, किसी मां-बाप को अंधे की अब लाठी नहीं मिलती।
दिव्यांश दिव्य ने पढ़ा राम कृपा से जिए जा तू हर्षित भजत राम नाम को तू हर याम। कपिल वीर सिंह ने पढ़ा आंसुओं की व्यथा को पढ़ने लगा, वो कुछ देर बैठा व रोने लगा। प्रभात कुमार प्रभात ने पढ़ा कर्मभूमि के पथ पर चलते, जीवन की यात्रा में थक जाऊं, तो साथ मेरा तुम छोड़ ना देना। तरुण त्यागी ने पढ़ा युगों से युगों का मिलन हो रहा है मानो कि त्रेता जन्म हो रहा है रास्ता बुहारो अयोध्या वालों मेरे राम का आगमन हो रहा है। अनुराग वत्स ने पढ़ा अरे यूं ही नहीं रामलाल ने अपने घर को पाया है सत्य की ध्वजा को झुक झूटने शीश नवाया है 24 की यह 22 जनवरी वंदन की हकदार हुई गांव-गांव शहर राम की जय जयकार हुई। इस अवसर पर श्रीमती मंजली शर्मा, सुधीर शर्मा , तेजेंद्र शर्मा, जयकरन बंसल, शिवदत्त शर्मा, रोबिन सिंह राणा, संग्राम सिंह राणा, लल्लन सिंह, बालकिशन शर्मा, देवी सिंह आदि उपस्थित रहे।

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