हापुड़। जिले की हापुड़ और पिलखुवा नगर पालिका करोड़ों रुपये के कर्ज में डूबी हैं। वर्तमान की बात की जाए तो करीब 37 करोड़ रुपये का कर्ज अकेले ठेकेदारों का ही है। भुगतान के लिए ठेकेदार पालिका के अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। छह जनवरी तक सभी पालिकाध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा, जिसके चलते नए पालिकाध्यक्षों को पुराना कर्जा चुकाना पड़ेगा। वहीं, नगर पालिकाओं पर कर्जा होने के कारण लगभग 100 विकास कार्य भी रुक गए हैं।
जिले में तीन नगर पालिका हैं, जिसमें हापुड़, पिलखुवा और गढ़मुक्तेश्वर शामिल हैं। जबकि एक नगर पंचायत बाबूगढ़ है। इनमें हापुड़ और पिलखुवा नगर पालिका पर करीब 37 करोड़ रुपये का कर्जा है। इनमें से हापुड़ नगर पालिका पर करीब 25 और पिलखुवा नगर पालिका पर 12 करोड़ रुपये का कर्जा है। वहीं, गढ़मुक्तेश्वर और बाबूगढ़ नगर निकाय पर भी कर्ज का बोझ पड़ा हुआ है। जिसके कारण जिले की चारों निकायों में 100 से अधिक ऐसे विकास कार्य हैं जो बजट न होने के कारण रुके हुए हैं।
अब, सभी पालिकाध्यक्षों का कार्यकाल पूरा होने को है और नये पालिकाध्यक्ष पद के लिए चुनाव की तैयारी की जा रही है। अधिसूचना लगने का इंतजार किया जा रहा है। जिसके बाद विकास कार्य पूरी तरह से बंद हो जाएंगे और अगले बोर्ड के गठन का सभी को इंतजार करना होगा। इससे पहले ठेकेदार भी भुगतान के लिए चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन बजट न होने के कारण पालिका के अधिकारी भी असमर्थता जता रहे हैं।
नाले कूड़े से अटे, पटिया भी टूटी
बजट के अभाव में नालों की भी सफाई नहीं हो पा रही है। नाले कूड़े से अटे पड़े हैं और उनके ऊपर रखीं पटिया भी टूटी पड़ी है। वहीं, नालों में गंदगी से आए दिन सड़कों पर जलभराव हो जाता है। शहर में सफाई व्यवस्था बदहाल है, लेकिन नगर पालिका के अधिकारियों की नींद नहीं खुल पा रही है।
फाइल भेजने के बाद भी नहीं हो रहा भुगतान
नगर पालिका के ठेकेदारों की मानें तो उनके द्वारा किए गए कार्यों की फाइलें एक सीट से दूसरी सीट पर धूल फांक रही हैं। संबंधित विभागों से लेकर लेखाकार कार्यालयों में फाइल भेज दी जाती है। लेकिन, उनका भुगतान नहीं हो पा रहा है। जिसके कारण उन्हें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बाबूगढ़ नगर पंचायत के कर्मचारियों का आठ माह का नहीं मिला वेतन
कोरोना के बाद से बाबूगढ़ नगर पंचायत का तो बुरा हाल हो चुका है। बजट के अभाव में नगर पंचायत के कर्मचारियों का पिछले आठ माह का वेतन तक नहीं मिल पाया है। वहीं, पेंशनर्स को उनकी पेंशन तक नहीं मिल पा रही है। इसके विरोध में कर्मचारी कई बार धरना प्रदर्शन तक कर चुके हैं। लेकिन, अभी तक उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई है।
कोरोना के बाद राज्य वित्त में आई है गिरावट
कोरोना के बाद से राज्य वित्त में काफी गिरावट आई है। जिसके कारण ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो पा रहा है। पिलखुवा नगर पालिका पर ठेकेदारों का पिछले करीब चार साल का बकाया है। वहीं, हापुड़ नगर पालिका द्वारा भी ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो पाया है। – शिवराज सिंह, अधिशासी अधिकारी, हापुड़ व पिलखुवा नगर पालिका