हापुड़। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने धोखाधड़ी के मामले में लंबे समय से फरार चल रहे तीन आरोपियों के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही से संबंधित नोटिस जारी किया है। जिसको नगर कोतवाली पुलिस ने गाजियाबाद स्थित आरोपियों के आवास पर चस्पा कर दिया है।
मोहल्ला श्रीनगर निवासी प्रथमवतार शर्मा ने एक जनवरी 2021 को नगर कोतवाली में एक रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें उसने कहा कि उसके पुत्र अभिषेक की दोस्ती कविनगर गाजियाबाद निवासी तुषार मैत्रेय से पबजी गेम के माध्यम से हुई। जिसमें तुषार ने उनके पुत्र को बताया कि वह आयकर विभाग में संयुक्त आयुक्त है। तुषार ने अभिषेक की नौकरी टिहरी हाईड्रो विकास निगम में लगवाने की बात कही। जिसके लिए उसने सिक्योरिटी के रुप में पांच लाख रुपये मांगे।
जिसमें दो लाख रुपये नौकरी लगने से पहले देने की बात कही। जिसके बाद अभिषेक ने तुषार के बैंक खाते में एक लाख अस्सी हजार रुपये जमा करा दिए और नौकरी दिलवाने की बात कही। बार-बार कहने पर तुषार ने एक नियुक्ति पत्र उनके घर भेजा। लेकिन जांच करने पर पता चला कि उक्त नियुक्ति पत्र फर्जी है। जिसके बाद उन्होनें तुषार से दी गई धनराशि वापस देने की बात कही। साथ ही तुषार के पिता सलील मैत्रेय व माता से भी धनराशि वापस दिलाने के लिए कहा। इन सबके द्वारा उन्हें काफी समय तक गुमराह किया गया।
पुलिस ने तुषार व उसके माता-पिता के खिलाफ धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किए। लेकिन तुषार व उसके माता-पिता न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रहे थे। सभी आरोपी लंबे समय से फरार चल रहे थे। जिसको देखते हुए न्यायालय ने आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए नोटिस जारी किया है। जिसको कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के आवास पर चस्पा कर दिया है।