हापुड़। स्कूल संचालक ट्रांसपोर्ट फीस के नाम पर अभिभावकों से हजारों रुपये वसूलने के बाद भी बच्चों को रास्ते में ही छोड़कर चले जाते हैं। इस संबंध में अभिभावकों ने सोमवार को डीआईओएस से शिकायत की है।
चित्तौली स्थित डीआईओएस कार्यालय पर शिकायत करने पहुंचे अभिभावकों ने बताया कि उनके बच्चे पिलखुवा के अर्वाचीन इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ते हैं। स्कूल प्रबंधन ने सूचना दिए बगैर बस रूट की सुविधा में बदलाव कर दिया है। स्कूल प्रबंधन और प्रधानाचार्य से शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं। लिए लेट हो जाते हैं।
उन्होंने बताया कि पहले ट्रांसपोर्ट फीस के नाम पर 1400 रुपये वसूले जाते थे, लेकिन अब शुल्क बढ़ाकर 1600 रुपये कर दिया गया है। इसके बाद भी शिवपुरी, श्रीनगर सहित अन्य कॉलोनियों के बच्चों को शहर की मुख्य सड़कों पर ही उतार दिया जाता है। गर्मी, बारिश के दौरान बच्चों का घर तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। इसके साथ ही बंदर और आवारा कुत्तों का खौफ भी बना रहता है। अभिभावक बच्चों को एक किलोमीटर दूर बस तक छोड़ने के लिए जाते हैं। नौकरीपेशा लोग ड्यूटी के लिए लेट हो जाते है।
डीआईओएस पोके उपाध्याय ने अभिभावकों की शिकायत पर सभी विद्यालय संचालकों को पत्र जारी कर छात्रों को अधिकतम पहुँच तक बस सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए हैं।
ज्ञापन देने वालों में रजत गोयल, कमल वर्मा, सचिन वर्मा, अतुल कुमार, अंकित गुप्ता, रुपल अरोड़ा, विवेक बहल, नीरज गुप्ता, अनुज कुमार, प्राची, पीके गोयल, नवीन कुमार, काजल मित्तल, सुनीता, स्नेहा वर्मा, नवीन कुमार आदि मौजूद रहे।