चुनाव चिह्न और उम्मीदवार पर सहमति न बन पाने के कारण अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे सपा और रालोद

हापुड़। नगर पालिका परिषद हापुड़ की सीट पर प्रत्याशी की घोषणा को लेकर सपा-रालोद गठबंधन में दरार आ गई है। शुक्रवार को सपा, रालोद, आसपा के जिलाध्यक्षों की बैठक बेनतीजा रही। सपा की शर्तों को दोनों दलों ने मानने से इन्कार कर दिया। रालोद ने आसपा समर्थित प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा कर दी है, उधर सपा से घोषित प्रत्याशी सुनीता आजाद के नामांकन करने से साफ हो गया है कि हापुड़ सीट पर रालोद आसपा का प्रत्याशी भी चुनाव लड़ेगा।

निकाय चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सपा, रालोद और आसपा ने हाथ मिलाया था। सपा के चुनाव प्रभारी ने हापुड़, गढ़ और पिलखुवा की तीनों सीटों पर सपा के ही प्रत्याशी घोषित कर दिए। जबकि तय यह हुआ था कि गढ़ और पिलखुवा सीट पर सपा और हापुड़ व बाबूगढ़ की सीट पर रालोद को चुनाव लड़ाया जायेगा।

आपस की दूरी तब बढ़ गई जब सपा ने कार्यक्रम कर तीनों प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी और कार्यक्रम में आसपा और रालोद के पदाधिकारियों को नहीं बुलाया। उसी दिन आसपा जिलाध्यक्ष सुनील आजाद और रालोद जिलाध्यक्ष रविंद्र प्रधान ने बैठक बुलाकर सर्वसम्मति से आदेश गुड्डू की भाभी पूजा को प्रत्याशी घोषित कर दिया। गठबंधन बना रहे इसके लिए सपा के चुनाव प्रभारी ने प्रस्ताव रखा कि या तो प्रत्याशी सपा का रहने दें या चुनाव चिन्ह सपा का रहने दें। इस पर शुक्रवार को जिलाध्यक्षों की बैठक भी हुई। लेकिन सहमति नहीं बन सकी।

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