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गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दरोगा सचिन राठी को दी अंतिम विदाई

पुलिस लाइन में दिवंगत को कांधा देते पुलिस अधिकारी।
– फोटो : HAPUR

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गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दरोगा सचिन राठी को दी अंतिम विदाई
हापुड़। सड़क हादसे में जान गंवाने वाले दरोगा सचिन राठी को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। थाना सिंभावली में तैनात दरोगा की मंगलवार रात सिखेड़ा के पास सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद दरोगा के पार्थिव शरीर को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां एडीजी, आइजी, डीएम, एसपी सहित पुलिस अधिकारियों ने राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान मौजूद परिजनों और पुलिसकर्मियों की आंखें नम हो गईं। इसके बाद परिजन पार्थिव शरीर को लेकर मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए।
मूल रूप से मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव धीराखेड़ी निवासी उप निरीक्षक सचिन राठी हापुड़ के थाना सिंभावली में तैनात थे। मंगलवार की देर रात क्षेत्र के गांव दत्तियाना में युवक मोहित को गोली मारने की सूचना के बाद जांच करने अस्पताल जा रहा था। गांव सिखेड़ा के पास पहुंचने पर तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने दरोगा की बाइक में टक्कर मार दी थी। जिससे सचिन राठी की मौके पर ही मौत हो गई। वे पिछले करीब डेढ़ साल से सिंभावली थाने में तैनात थे। उनकी मौत से पूरे पुलिस महकमे में शोक व्याप्त है।
बुधवार सुबह पोस्टमार्टम कराने के बाद दरोगा के शव को पुलिस लाइन ले जाया गया। यहां दिवंगत को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पुलिस लाइन पहुंचे मेरठ जोन एडीजी राजीव सभरवाल, आइजी प्रवीन कुमार, डीएम अनुज सिंह, एसपी नीरज कुमार जादौन, एडीएम जयनाथ यादव, एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा, सीओ सिटी वैभव पांडेय सहित अन्य अधिकारियों ने दिवंगत को फूलों से श्रद्धांजलि दी। अधिकारियों ने शव को कंधा देकर उन्हें विदाई दी।
इस दौरान मौजूद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। दिवंगत की पत्नी और पुत्र बिलख बिलखकर रो रहे थे। पुलिसकर्मियों की आंखें भी नम हो गई। अधिकारियों ने परिजनों को सांत्वना दी। इसके बाद परिजन शव को लेकर मुजफ्फरनगर उसके पैतृक गांव लेकर रवाना हो गए।
पत्नी बोली, कोई और ड्यूटी रह गई तो वो भी करा लो
पुलिस की मुश्किल ड्यूटी से परिजन भी व्यथित रहते हैं। परिजनों का यह दर्द उस समय झलका जिस समय सचिन राठी के शव को ट्रक में रखा जा रहा था। सचिन की पत्नी सोनिया बिलखते हुए बोली कि कोई और ड्यूटी रह गई तो वो भी करा लो। जिसे सुनकर अधिकारियों में खामोशी छा गई। इकलौते 14 वर्षीय पुत्र हर्ष का भी रो रोकर बुरा हाल था। दरोगा के माता पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है।

गार्ड ऑफ ऑनर के साथ दरोगा सचिन राठी को दी अंतिम विदाई

हापुड़। सड़क हादसे में जान गंवाने वाले दरोगा सचिन राठी को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। थाना सिंभावली में तैनात दरोगा की मंगलवार रात सिखेड़ा के पास सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद दरोगा के पार्थिव शरीर को पुलिस लाइन ले जाया गया। जहां एडीजी, आइजी, डीएम, एसपी सहित पुलिस अधिकारियों ने राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान मौजूद परिजनों और पुलिसकर्मियों की आंखें नम हो गईं। इसके बाद परिजन पार्थिव शरीर को लेकर मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो गए।

मूल रूप से मुजफ्फरनगर के भोपा थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव धीराखेड़ी निवासी उप निरीक्षक सचिन राठी हापुड़ के थाना सिंभावली में तैनात थे। मंगलवार की देर रात क्षेत्र के गांव दत्तियाना में युवक मोहित को गोली मारने की सूचना के बाद जांच करने अस्पताल जा रहा था। गांव सिखेड़ा के पास पहुंचने पर तेज रफ्तार अज्ञात वाहन ने दरोगा की बाइक में टक्कर मार दी थी। जिससे सचिन राठी की मौके पर ही मौत हो गई। वे पिछले करीब डेढ़ साल से सिंभावली थाने में तैनात थे। उनकी मौत से पूरे पुलिस महकमे में शोक व्याप्त है।

बुधवार सुबह पोस्टमार्टम कराने के बाद दरोगा के शव को पुलिस लाइन ले जाया गया। यहां दिवंगत को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। पुलिस लाइन पहुंचे मेरठ जोन एडीजी राजीव सभरवाल, आइजी प्रवीन कुमार, डीएम अनुज सिंह, एसपी नीरज कुमार जादौन, एडीएम जयनाथ यादव, एएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा, सीओ सिटी वैभव पांडेय सहित अन्य अधिकारियों ने दिवंगत को फूलों से श्रद्धांजलि दी। अधिकारियों ने शव को कंधा देकर उन्हें विदाई दी।

इस दौरान मौजूद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। दिवंगत की पत्नी और पुत्र बिलख बिलखकर रो रहे थे। पुलिसकर्मियों की आंखें भी नम हो गई। अधिकारियों ने परिजनों को सांत्वना दी। इसके बाद परिजन शव को लेकर मुजफ्फरनगर उसके पैतृक गांव लेकर रवाना हो गए।

पत्नी बोली, कोई और ड्यूटी रह गई तो वो भी करा लो

पुलिस की मुश्किल ड्यूटी से परिजन भी व्यथित रहते हैं। परिजनों का यह दर्द उस समय झलका जिस समय सचिन राठी के शव को ट्रक में रखा जा रहा था। सचिन की पत्नी सोनिया बिलखते हुए बोली कि कोई और ड्यूटी रह गई तो वो भी करा लो। जिसे सुनकर अधिकारियों में खामोशी छा गई। इकलौते 14 वर्षीय पुत्र हर्ष का भी रो रोकर बुरा हाल था। दरोगा के माता पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है।

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