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गंगा नदी के किनारे बायो डायर्विसटी पार्क का निर्माण की परियोजना हो रही हैं तैयार-राजीव कुमार ,पुष्पावती घाम-जानू


हापुड़(अमित अग्रवाल मुन्ना)।
रामसर साइट अपर गंगा नदी ब्रजघाट से नरौरा स्ट्रेच क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे ग्राम पूठ में वन्य प्राणि सप्ताह का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का प्रारम्भ ग्राम पूठ में गंगा नदी के किनारे गंगा नदी में मुख्य अतिथि द्वारा कछुओं का विमोचन कर गंगा नदी के किनारे हरिशंकरी का वृक्षारोपण किया। साथ ही सभी अधिकारियों द्वारा कछुआ विमोचन व वृक्षारोपण कार्यक्रम में भाग लिया गया।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार की अध्यक्षता में हापुड़ वन प्रभाग की ओर से कार्यक्रम मनाया गया।
मुख्य अतिथि राजीव कुमार ने बताया कि पूठ घाट के पक्के निर्माण, गंगा नदी के कटाव रोकने के लिए खसखस घास का रोपण, गंगा नदी के किनारे बायो डायर्विसटी पार्क का निर्माण की परियोजना तैयार करायी जा रही है।
. कार्यक्रम में रवीन्द्र प्रताप सिंह निजी सचिव नीति आयोग , सुनील पाण्डेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, संजय श्रीवास्तवअपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक / कार्यकारी अधिकारी , एन०के० जानू मुख्य वन संरक्षक, पश्चिमी जोन, मेरठ, गंगा प्रसाद वन संरक्षक, राजेश निगम, प्रभागीय वनाधिकारी हापुड़, गौतम सिंह उप प्रभागीय वनाधिकार, राजेश कुमार क्षेत्रीय वन अधिकारी व अन्य विभागीय कर्मचारियों के साथ अपर जिलाधिकारी हापुड़, गुरूकुल पूठ के प्राचार्य व छात्र, भारत भूषण सदस्य गंगा संरक्षण समिति तथा क्षेत्रीय लोगों ने भाग लिया
सुनील पाण्डेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा कछुआ संरक्षण परियोजना संरक्षित क्षेत्र वन्य जीव संरक्षण और वेटलैण्ड संरक्षण एवं प्रबन्धन पर प्रकाश डाला गया।
उन्होंने बताया कि वन्य जीवों में बिना मानव जीवन का अस्तित्व ही संकट में पड़ सकता है, वन्य जीवों का महत्व समझने और उनके संरक्षण पर बल दिया। नई बस्तियों, औद्योगिकरण, बढ़ती हुई आबादी जैसे कार्यों का वन्य जीवों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। पृथ्वी पर जीव जन्तुओं और पौधो की विभिन्न प्रजातियों तेजी से घट रहीं है। जिनके संरक्षण पर आम जनसामान्य में जागरूकता लाना बहुत आवश्यक है।
एन०के०जानू मुख्य वन संरक्षक पश्चिमी जोन मेरठ द्वारा मुख्य अतिथि से मॉ सरस्वती का दीप प्रज्जवल कर कार्यक्रम का शुभारम्भ कराया गया। तत्पश्चात उनके द्वारा मुख्य अतिथि राजीव कुमार उपाध्यक्ष नीति आयोग तथा सुनील पाण्डेय, प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष उत्तर प्रदेश लखनऊ को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया गया।
एन०के० जानू द्वारा पुष्पावती घाम (पूठ) के विषय में बताया गया कि प्राचीन समय में इसे स्वर्ग द्वार की संज्ञा प्राप्त थी, इन्द्रदेव की पूजा के लिए पुष्पक विमान द्वारा पुष्प यही से ले जाये जाते थे, क्योंकि यह पुष्पावती फूलों की नगरी या फूलों की मण्डी रही। एक दिन विमान खराब हो जाने के कारण प्रातःकाल तक यह रह गया और सुबह लोगों ने उसे घेर लिया और जिद करने लगे कि हमे स्वर्ग में घुमाकर लाओं। जनता के आग्रह पर विमान चालक पूरी नगरी के लोगों को इन्द्र के राज्य में स्वर्ग में घुमाकर लाया। तभी से इसे स्वर्गद्वार भी कहा जाने लगा।
धन्य जीवों की सुरक्षा संरक्षण एवं वृक्षारोपण के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अन्त में अतिथियों को डाल्फिन का (मोनेन्टो) प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
वन्य प्राणि सप्ताह के अन्तर्गत आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम ज्योत्सना द्वितीय गुनगुन गुप्ता, तृतीय कशिश निबन्ध प्रतियोगिता प्रथम आशीष राणा, स्थान भूरे सिंह स्थान दीपांशु वर्मा को स्थान प्राप्त करने पर पुरूस्कृत किया गया।

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