हापुड़। ठिठुरन भरी ठंड और घने कोहरे में फसलों पर संकट गहरा गया है। फसलों में झुलसा रोग का प्रकोप शुरू हो गया है। किसान फसल को बचाने के लिए खेतों में दवाओं का छिड़काव कर रहे हैं। आलू के साथ ही टमाटर, हरी मिर्च और दूसरी सब्जियों में भी रोग लग रहा है।
जिले में बड़े पैमाने पर आलू की खेती होती है, अब सरसों की फसल का रकबा भी बढ़ रहा है। लेकिन कड़ाके की सर्दी और कोहरा फसलों के लिए नुकसानदायक हो रहा है। सरसों की फसल में लाही कीट का प्रकोप है। कृषि विभाग की और से किसानों को फसल का बचाव करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। कभी पाला तो कभी कोहरा, कभी सर्द हवाओं ने आलू व सरसी की खेती की भारी प्रभावित किया है।
जिला कृषि अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि फसलों की निगरानी करते हुए सचेत रहना चाहिए। तिलहनी गई सरसों में मातृ कीट फल, फूल, पत्ती, डालियों का रस चूसकर बहुत हानि करता है। यह हरा भूरा बहुत छोटा कीट होता है, इसके दिखाई देते ही इमिडाक्लोप्रिड 17.8 प्रतिशत की 300 मिली मात्रा को 600 लीटर पानी में बोलकर प्रति हेक्टेयर में छिड़काव करना चाहिए। यह कीट चना, मटर, मसूर व अन्य रबी फसलों में भी हानि करता है।