नई दिल्ली: फास्टिंग यानी उपवास रखने का संबंध सिर्फ व्रत त्योहार से नहीं है, बल्कि इन दिनों बड़ी संख्या में लोग तेजी से वजन घटाने के लिए खाना नहीं खाते और वॉटर फास्टिंग (Water Fasting) करते हैं. इसमें पानी के अलावा और किसी चीज का सेवन नहीं किया जाता. वैसे तो वेट लॉस के लिए कुछ समय तक सिर्फ पानी पीने का प्लान काफी पॉपुलर है लेकिन फायदों के साथ-साथ इसके कुछ नुकसान भी हैं. साथ ही कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इस ट्रेंड को बिल्कुल फॉलो नहीं करना चाहिए.
वॉटर फास्टिंग क्या है?
निर्जल उपवास में पानी तक नहीं पीया जाता, फलाहार वाले उपवास में सिर्फ फलों का सेवन किया जाता है. उसी तरह से ये वॉटर फास्टिंग यानी पानी पीकर किया जाने वाला उपवास है जिसमें व्यक्ति भोजन के नाम पर कुछ भी खा पी नहीं सकता (No food), सिर्फ पानी पीता है. हेल्थ वेबसाइट मेडिकल न्यूज टुडे की मानें तो आमतौर पर वॉटर फास्टिंग 1 दिन से लेकर 3 दिन तक किया जा सकता है क्योंकि इससे ज्यादा समय तक बिना भोजन के रहना शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.
कभी-कभार तेजी से और ज्यादा मात्रा में फैट लॉस करने के लिए वॉटर फास्टिंग का इस्तेमाल किया जा सकता है. वेट लॉस के अलावा शरीर को अंदर से साफ और डिटॉक्स (Body Detox) करने के लिए भी कई बार जल उपवास का सहारा लिया जाता है. साथ ही सेहत के लिए भी कई बार कुछ समय के लिए वॉटर फास्टिंग करना फायदेमंद हो सकता है. कई वेलनेस सेंटर्स में भी वॉटर फास्टिंग का इस्तेमाल किया जाता है. जब कोई व्यक्ति जल उपवास करता है तो एनर्जी के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए शरीर को कार्बोहाइड्रेट नहीं मिलता जिसकी वजह से शरीर में जमा फैट का इस्तेमाल ऊर्जा (Body Fat being used as energy) के लिए होने लगता है और फैट में कमी आती है.
कैसे करें वॉटर फास्टिंग?
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट की मानें कई स्टडीज में यह बात सामने आयी है कि अगर वॉटर फास्टिंग को सही तरीके से किया जाए तो रोजाना कम से कम 900 ग्राम तक वजन कम हो सकता है. इसके तहत आप रोजाना सिर्फ 2 से 3 लीटर पानी पी सकते हैं और कुछ नहीं. उपवास शुरू होने से पहले एनर्जी और प्रोटीन से भरपूर चीजें खा लेना बेहतर होगा. चूंकि इस दौरान कुछ खाना नहीं है इसलिए अपनी डेली एक्टिविटी में भी कमी करें वरना कमजोरी महसूस हो सकती है.
क्या सिर्फ पानी पीकर रहना सेफ है?
कैलोरी इनटेक को जब पूरी तरह से रोक दिया जाता है तो तेजी से वजन घटने लगता है. लेकिन इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि इसे लंबे समय तक अपनाया नहीं जा सकता. इसके अलावा शरीर डिहाइड्रेट भी हो सकता है क्योंकि शरीर को ज्यादातर पानी उन चीजों से मिलता है जिन्हें हम खाते हैं. ऐसे में आपको थकान, चक्कर आना या चिड़चिड़ापन भी महसूस हो सकता है.
ये लोग भूल से भी न करें वॉटर फास्टिंग
अगर आपकी उम्र 18 साल से कम या 60 साल से अधिक है तो आपको वॉटर फास्टिंग नहीं करनी चाहिए. इसके अलावा अगर आप गर्भवती हैं, बच्चे को अपना दूध पिला रही हैं, अगर आप अंडरवेट हैं, हृदय रोग, टाइप 1 डायबिटीज के मरीज हैं या फिर किसी बीमारी के लिए दवा खा रहे हैं तो आपको वॉटर फास्टिंग बिल्कुल नहीं करना चाहिए.